जम्मू, 20 जनवरी (आईएएनएस)। जम्मू एवं कश्मीर में सात फरवरी को राज्यसभा की चार सीटों के लिए मतदान होना है और ऐसे में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) तथा पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) के बीच उससे पहले सरकार बनाने को लेकर अटकलों का बाजार गर्म हो गया है। दोनों पार्टियों के नेताओं ने भी इस सम्बंध में अनौपचारिक चर्चा की बात स्वीकार की है।
पीडीपी के मुख्य प्रवक्ता नईम अख्तर ने जम्मू में आईएएनएस से कहा, “भाजपा के साथ औपचारिक बातचीत अभी शुरू होनी है। हां, अनौपचारिक स्तर पर बातचीत जारी है।”
राज्य विधानसभा में पीडीपी के पास 28 विधायक हैं और भाजपा के पास 25 विधायक हैं। नेशनल कांफ्रेंस को चुनाव में 15 सीटें मिली हैं और उसकी पूर्व सहयोगी कांग्रेस को 12 सीटें मिली हैं। वहीं सात सीटें छोटी पार्टियों और निर्दलीय उम्मीदवारों के खाते में गई हैं।
पीडीपी और भाजपा के बीच किसी प्रकार का गठबंधन होगा या नहीं, इसे लेकर जारी भ्रमित बयानबाजी के बाद पीडीपी की अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती ने मीडिया से बातचीत के लिए केवल नईम अख्तर को अधिकृत किया है।
प्रधानमंत्री कार्यालय में राज्य मंत्री जितेंद्र सिंह ने संवाददाताओं से कहा, “अनुच्छेद 370 और अफस्पा (सशस्त्र बल विशेष अधिकार अधिनियम) को लेकर पार्टी के जिम्मेदार लोगों द्वारा बातचीत चल रही है।”
पीडीपी के संरक्षक मुफ्ती मुहम्मद सईद ने रविवार को राज्यपाल एन.एन. वोहरा से रात्रि भोज के दौरान दो घंटे तक मुलाकात की थी। उनकी इस मुलाकात से अटकलें लगाई जा रही हैं कि मुफ्ती मुहम्मद ने राज्यपाल वोहरा से सरकार बनाने की संभावनाओं पर चर्चा की।
पीडीपी के प्रमुख प्रवक्ता इन सवालों से बचते हुए दिखे।
अख्तर ने आईएएनएस से कहा, “हां मुफ्ती साहब ने राज्यपाल से मुलाकात की थी, लेकिन हम जल्दी में नहीं हैं।”
राज्य की निवर्तमान सरकार का कार्यकाल सोमवार को समाप्त हो गया।
12वीं विधानसभा का गठन राज्य कानून विभाग द्वारा अधिसूचना जारी कर किया जा चुका है, लेकिन अभी तक निर्वाचित सदस्यों ने शपथ नहीं ली है।
राजनीतिक गलियारों में चर्चा है कि इस माह के बाद कभी भी भाजपा और पीडीपी के गठबंधन की घोषणा हो सकती है।
दोनों पार्टियों को अपनी रणनीति स्पष्ट करनी होगी कि वे राज्यसभा का चुनाव एक साथ लड़ना चाहते हैं अथवा अलग-अलग।
अगर वे एक साथ लड़ते हैं तो काफी संभावनाएं हैं कि चारों राज्यसभा सीटें भाजपा और पीडीपी गठबंधन को मिल सकती हैं। लेकिन, अगर वे अलग-अलग लड़े तो दोनों पार्टियां दो सीट से ज्यादा नहीं जीत सकतीं। वहीं दो अन्य सीटें नेशनल कांफ्रेंस और कांग्रेस को मिल सकती हैं।
राज्य में सात फरवरी को राज्यसभा के चुनाव होने हैं।
सर्वोच्च न्यायालय की व्यवस्था के मुताबिक राज्य विधानसभा निलंबित रहने के बावजूद भी विधानसभा के चुने हुए सदस्य राज्यसभा के चुनावों में मतदान कर सकते हैं।
उल्लेखनीय है कि आठ जनवरी को राज्य के राज्यपाल ने एन.एन. वोहरा ने राज्य में राज्यपाल शासन की घोषणा की थी।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।