श्रीनगर, 10 जुलाई (आईएएनएस)। कश्मीर में हिजबुल मुजाहिदीन कमांडर बुरहान वानी की मौत के बाद कर्फ्यूग्रस्त घाटी में सुरक्षाबलों और प्रदर्शनकारियों के बीच हुई झड़पों में छह अतिरिक्त लोगों की मौत के साथ ही मृतकों की संख्या बढ़कर 21 हो गई है। जम्मू एवं कश्मीर सरकार ने रविवार को शांति बनाए रखने की अपील की।
आधिकारिक सूत्रों के मुताबिक, यहां सड़क पर प्रदर्शन के दौरान सुरक्षा बलों की गोली से घायल शाबिर अहमद (27) की अस्पताल में मौत हो गई। यह शनिवार को शुरू हुए सरकार विरोधी प्रदर्शन में उत्तरी कश्मीर के बाहर सुरक्षा बलों की गोली से हुई पहली मौत है। यह घटना बटमालू में हुई, जिसे अलगाववादियों के गढ़ के रूप में जाना जाता है।
उत्तरी कश्मीर के पुलवामा जिले में सुरक्षाबलों की ताजा गोलीबारी में फैयाज अहमद मीर की मौत हो गई। आतंकियों ने सड़कों पर विरोध प्रदर्शन का लाभ उठाते हुए ग्रेनेड हमला किया, जिससे केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल के चार जवान घायल हो गए।
चार और मौतें दिन में इससे पहले हुई थीं। अनंतनाग जिले के संगम में एक उग्र भीड़ ने पुलिस के एक बुलेट प्रूफ वाहन को पलट दिया और उसे सतलुज नदी में धकेल दिया। इसमें चालक डूब गया, जबकि वाहन में सवार अन्य पुलिसकर्मी घटनास्थल से फरार हो गए।
सूत्रों के मुताबिक, बड़ी संख्या में सरकार विरोधी और आजादी सर्मथक नारे लगा रहे लोगों की भीड़ उमड़ने के बाद सुरक्षाबलों ने पुलवामा जिले के लिटर में गोलीबारी की, जिसमें दो प्रदर्शनकारियों की मौत हो गई।
पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि पुलवामा जिले में रविवार को उग्र भीड़ द्वारा कर्फ्यू तोड़कर सुरक्षाबलों पर हमला किए जाने के बाद सुरक्षाकर्मियों द्वारा की गई गोलीबारी में इरफान अहमद मलिक (17) की भी मौत हो गई।
घाटी में सुरक्षाबलों और प्रदर्शनकारियों के बीच झड़पों में मृतकों की संख्या बढ़कर 21 हो गई है, जिसमें 20 प्रदर्शनकारी और एक पुलिसकर्मी शामिल हैं।
वरिष्ठ अधिकारियों का कहना है कि घाटी में हुई झड़पों में तीन पुलिसकर्मी लापता हैं और लगभग 100 सुरक्षाकर्मी घायल हैं।
गौरतलब है कि सुरक्षाबलों द्वारा शुक्रवार को एक मुठभेड़ में हिजबुल मुजाहिदीन के कमांडर बुरहान वानी और उसके दो सहयोगियों को मार गिराए जाने के बाद घाटी में रोष व्याप्त है। वानी के जनाजे में हजारों की संख्या में लोग उमड़े।
वानी की मौत के बाद अनंतनाग, पुलवामा, कुलगाम और शोपियां में व्यापक स्तर पर विरोध प्रदर्शन हुए। वानी पुलवामा का ही रहने वाला था। कई स्थानों पर उग्र भीड़ ने सुरक्षाबलों पर हमले किए।
जम्मू एवं कश्मीर सरकार ने रविवार को युवा प्रदर्शनकारियों के परिजनों से अपने बच्चों को समझाने का आग्रह किया।
शिक्षा मंत्री और सरकार के प्रवक्ता नईम अख्तर ने मीडिया से कहा, “हम परिजनों से आग्रह करते हैं कि वे अपने बच्चों को सुरक्षाबलों पर पत्थर फेंकने जैसी घटना में शामिल होने से रोकें। सुरक्षाबलों पर पत्थर फेंकने की वजह से उन्हें गोली चलानी पड़ती है, जिस वजह से निर्दोष लोगों को जान गंवानी पड़ती है।”
कश्मीर के संभागीय आयुक्त असगर हुसैन समून ने संवाददाताओं को कहा कि कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए पूरी कश्मीर घाटी में कर्फ्यू लगा दिया गया है, जो शनिवार आधी रात से लागू है। उन्होंने लोगों से शांति बनाए रखने में प्रशासन को सहयोग देने की अपील की।
हिजबुल कमांडर बुरहान वानी की मौत के बाद शनिवार को हुए संघर्षो में मारे गए लोगों में अनंतनाग से आदिल बशीर, दानिश अयूब, अब्दुल हामिद मूची, जहांगीर गनई, एजाज अहमद ठोकरू, अशरफ डार, शौकत अहमद, हसीब अहमद और साकिब मीर और कुलगाम से खुर्शीद अहमद, और शोपियां के आजाद हुसैन शामिल हैं।
अतिरिक्त महानिदेशक (सीआईडी) एस.एम.सहाय और पुलिस महानिरीक्षक (कश्मीर क्षेत्र) के सैयद जाविद मुजतबा गिलानी ने संवाददाताओं से कहा कि हिंसक भीड़ ने शनिवार को चार पुलिस थानों, दो पुलिस पिकेट और एक तहसीलदार कार्यालय में आग लगा दी।
इसके अलावा, सुरक्षाबलों के हथियार छीनने और उनके वाहनों में आग लगाने की भी घटनाएं हुई हैं।
वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों का कहना है कि शनिवार को हुए संघर्षो में तीन पुलिसकर्मी लापता हैं, जबकि 96 सुरक्षाकर्मी घायल हो गए हैं।
मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती की अध्यक्षता में रविवार को श्रीनगर में मंत्रिमंडल की बैठक हो रही है, जिसमें राज्य में कानून-व्यवस्था बनाए रखने पर चर्चा होगी।
सरकार ने कहा कि वह हिंसा की वजह से घाटी में फंसे हजारों पर्यटकों को बाहर भेजने के लिए विमानों की व्यवस्था करने की कोशिश कर रही है।
यहां नई दिल्ली में केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने जम्मू-एवं कश्मीर की मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती से बात की और केंद्र से हर संभव सहायता का प्रस्ताव दिया।
गौरतलब है कि हिजबुल मुजाहिदीन के कमांडर बुरहान वानी की मौत के बाद अलाववादियों ने घाटी में बंद का आह्वान किया है, जो सोमवार तक जारी रहेगा।