श्रीनगर, 6 मई (आईएएनएस)। जम्मू एवं कश्मीर के शोपियां जिले में रविवार को सुरक्षा बलों ने एक मुठभेड़ में पांच आतंकवादियों को मार गिराया। इनमें कश्मीर विश्वविद्यालय का एक सहायक प्रोफेसर भी शामिल है जो आतंकवादियों के साथ हो गया था। इसे लेकर घाटी में भारी प्रदर्शन शुरू हो गए जिसमें सुरक्षा बलों के साथ झड़प में पांच नागरिकों की भी मौत हो गई।
पुलिस महानिदेशक एस.पी.वैद ने कहा कि शोपियां जिले के बडिगाम गांव में एक घर में फंसने के बाद पांच आतंकवादियों को मार गिराया गया।
उन्होंने ट्वीट किया, “शाबाश जवानों-सेना/सीआरपीएफ/जे एंड के पुलिस।”
आतंकवादियों के साथ रविवार को मुठभेड़ में सहायता के लिए सेना के पैरा कमांडो को भी तैनात किया गया था।
आतंकवादियों की मौजूदगी की सूचना के बाद बडिगाम को राष्ट्रीय राइफल्स, जम्मू एवं कश्मीर पुलिस के स्पेशल ऑपरेशंस ग्रुप (एसओजी) और केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) सहित सुरक्षा बलों ने घेर लिया।
मुठभेड़ में एक जवान व एक पुलिसकर्मी भी घायल हुए।
शोपियां में हुई मुठभेड़ में हिजबुल का शीर्ष कमांडर सद्दाम पद्दार, कश्मीर विश्वविद्यालय का सहायक प्रोफेसर मोहम्मद रफी भट, तौसीफ शेख, मोलवी बिलाल व आदिल अहमद समेत पांच आतंकवादी मारे गए हैं।
पद्दार, बुरहान वानी का करीबी सहयोगी था। वानी को जुलाई 2016 में अनंतनाग जिले के कोकेरनाग में मार गिराया गया था।
प्रोफेसर भट गांदरबल जिले के चंदुना गांव का रहने वाला था। भट के शुक्रवार को गायब होने की सूचना मिली थी। इसे लेकर कश्मीर विश्वविद्यालय परिसर में शनिवार को प्रदर्शन किया गया। छात्रों ने अधिकारियों से उनका पता लगाने की मांग की थी।
सुरक्षा बलों को जब अहसास हुआ कि भट भी आतंकवादियों के साथ छिपा हुआ है तो पुलिस उसकी मां, पत्नी व भाई को बडिगाम गांव से उसे आत्मसमर्पण के लिए प्रेरित करने के लिए ले गई।
सुरक्षा बलों की आतंकवादियों पर कार्रवाई के बाद बड़ी संख्या में लोग अपने घरों से सड़कों पर निकल आए और सुरक्षा कर्मियों पर पथराव करने लगे।
इससे पुलिस को कार्रवाई करनी पड़ी और इससे पांच नागरिकों की मौत हो गई। इसमें से एक आदिल अहमद की चोट की वजह से कुलगाम जिला अस्पताल में मौत हो गई।
तीन अन्य नागरिकों अनंतनाग जिले के सज्जाद अहमद, पुलवामा के जुबेर अहमद व शोपियां के यासिर अहमद की भी घायल होने के बाद मौत हो गई।
इससे पहले पुलवामा के रोहमोउ गांव के आसिफ अहमद की झड़प के दौरान लगी चोटों से श्रीनगर अस्पताल में मौत हो गई।
प्रदर्शनकारियों व सुरक्षा बलों के बीच झड़प में एक दर्जन से ज्यादा नागरिक घायल हो गए हैं।
प्रदर्शन के दौरान भीड़ ने दमकल की दो गाड़ियों को आग लगा दी।
अधिकारियों ने प्रोफेसर भट के शव को गांदरबल जिले के चंदुना गांव में दफनाने के लिए उनके परिवार को सौंप दिया है।
प्रोफेसर की मौत के बाद पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने ट्वीट किया, “दुखद, यह कश्मीर में हिंसा व अलगाव के समाधान के लिए विकास व रोजगार का दावा करने वाले लोगों के लिए भी एक जवाब है। यह कश्मीर की अनवरत जारी त्रासदियों में जुड़ी एक और त्रासदी है।”
दक्षिण कश्मीर के गांदरबल जिले में अफवाहों को फैलने से रोकने के लिए मोबाइल इंटरनेट सेवाओं पर रोक लगा दी गई है।
गंभीर रूप से घायल एक नागरिक को श्रीनगर में इलाज के लिए भर्ती कराया गया है।
अलगाववादी नेताओं ने कश्मीर घाटी में आतंकवादियों व नागरिकों की हत्या की निंदा के लिए सोमवार को सचिवालय के बाहर विरोध जुलूस निकालने व धरना देने का आह्वान किया है।
सैयद अली गिलानी, मीरवाइज उमर फारूक और मोहम्मद यासीन मलिक के नेतृत्व वाली ज्वाइंट रेजिस्टेंस लीडरशिप (जेआरएल) ने विरोध प्रदर्शन का आह्वान किया है।
मीरवाइज उमर फारूक ने ट्वीट किया, “शोपियां की त्रासदी को बताने में शब्द विफल हैं। भारतीय बलों द्वारा क्रूरता से मारे जाने वालों की संख्या बढ़ती जा रही है।”
उन्होंने हर किसी से सविल सचिवालय पहुंचने व ‘दैनिक स्तर पर हो रहे संहार के बद नहीं होने तक शांतिपूर्ण धरना देने का’ आग्रह किया।
सिविल सचिवालय मुख्यमंत्री, उनके कैबिनेट सहयोगियों व वरिष्ठ नौकरशाहों का दफ्तर है।