श्रीनगर/जम्मू, 23 दिसम्बर – जम्मू एवं कश्मीर में मंगलवार को आए चुनाव परिणाम बेहद चौंकाने वाले रहे। पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) जहां सबसे बड़ी पार्टी के रूप में उभरी, वहीं भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने प्रदेश की दूसरी सबसे बड़ी पार्टी बनकर इतिहास रच दिया। सबसे बड़ी बात यह रही कि इस परिणाम में मुस्लिम बहुल कश्मीर घाटी तथा हिंदू बहुल जम्मू क्षेत्र के बीच फर्क साफ नजर आया।
प्रदेश में कोई भी पार्टी बहुमत के आंकड़े को नहीं छू पाई। 87 सीटों वाले विधानसभा में पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी 28 सीटें जीतने में कामयाब रही, तो भाजपा ने जम्मू क्षेत्र की 25 सीटों पर कब्जा जमाया।
मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला की नेशनल कांफ्रेंस (नेकां) 15 सीटें ही जीतने में कामयाब रही। खुद उमर बीरवाह सीट से चुनाव जीते, लेकिन सोनवार से हार गए। नेकां की गठबंधन पार्टी कांग्रेस मात्र 12 सीटों पर ही सिमट गई, जबकि पिछली बार उसने 17 सीटें जीती थी।
पूर्व अलगाववादी नेता सज्जाद लोन की पार्टी पीपुल्स कांफ्रेंस दो सीटों सहित निर्दलीय तथा छोटी पार्टियां कुल सात सीटें जीतने में कामयाब रही हैं।
मोदी ने चुनाव परिणामों का स्वागत करते हुए ट्वीट किया, “जम्मू एवं कश्मीर में रिकॉर्ड मतदान लोगों का लोकतंत्र में भरोसा दिखाता है।” वहीं पार्टी अध्यक्ष अमित शाह ने इस सफलता का श्रेय मोदी की छह महीने की सरकार की उपलब्धियों को दिया।
प्रधानमंत्री कार्यालय के राज्यमंत्री जितेंद्र सिंह ने कहा, “यह भाजपा और जम्मू एवं कश्मीर के लिए क्रांतिकारी परिवर्तन है।”
कश्मीर के जम्मू में थोड़ा प्रभाव रखने वाली भाजपा ने इस बार न सिर्फ अपनी सीटें बढ़ाई, बल्कि अधिकतम वोट प्रतिशत (23 फीसदी से अधिक) को बढ़ाने में कामयाब रही है। वर्ष 2008 में उसने 11 सीटें जीती थीं, जबकि इस बार 25 सीटें जीतने में कामयाब रही।
पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) नेता महबूबा मुफ्ती ने कहा कि सुशासन प्रदान करने वाली सरकार के गठन में थोड़ा समय लगेगा।
उनकी पार्टी के प्रवक्ता समीर कौल ने हालांकि कहा, “भाजपा के साथ गठबंधन को खारिज नहीं किया जा सकता।”
उन्होंने कहा, “यह खंडित जनादेश नहीं है। हालांकि यह हमारी उम्मीदों के अनुरूप भी नहीं है। जैसी हमने उम्मीद की थी, वैसा परिणाम नहीं आया है।”
उन्होंने कहा कि पीडीपी सरकार बनाने को लेकर जल्दबाजी में नहीं है।
उन्होंने कहा, “हम ऐसे सरकार के बारे में विचार कर रहे हैं, जो एजेंडे पर आधारित हो। वह एजेंडा सुशासन का होना चाहिए।”
पीडीपी नेता ने कहा, “इसमें थोड़ा वक्त लगेगा कि वह फॉम्र्यूला क्या होगा, जिससे सुशासन सुनिश्चित हो सके। हम थोड़ा समय लेंगे। हमें जल्दबाजी नहीं है।”
उल्लेखनीय है कि भाजपा चुनाव मैदान में किसी वरिष्ठ नेता के चेहरे के साथ नहीं उतरी थी। इसके बदले पार्टी ने कश्मीर की समस्या के समाधान के लिए मोदी को उत्तर के तौर पर पेश किया था।
मोदी ने यहां छह चुनावी अभियानों को अंजाम दिया। इस दौरान उन्होंने केवल विकास के मुद्दे को ही प्राथमिकता दी। उन्होंने भ्रष्टाचार तथा वंशवादी शासन पर भी निशाना साधा था।
इस बीच निवर्तमान मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने कहा कि सरकार के गठन के लिए सबसे बढ़िया गठबंधन भाजपा तथा पीडीपी का हो सकता है।
उमर ने कहा, “मैं जनता के फैसले का सम्मान करता हूं। लेकिन जो यह सोचते थे कि हमारी हालत बेहद बुरी होगी, वे गलत साबित हुए हैं।”
मोदी लहर के रथ पर सवार भाजपा ने जम्मू क्षेत्र में 25 सीटें जीतीं, जबकि कांग्रेस को यहां मात्र छह सीटें ही मिली। वहीं कश्मीर घाटी में भाजपा को दो फीसदी मत मिले।
भाजपा महासचिव पी.मुरलीधर राव ने कहा, “जीतने से ज्यादा महत्पूर्ण यह है कि राज्य में भाजपा की स्वीकार्यता में बेहद वृद्धि हुई है।”
उन्होंने कहा, “हमारे लिए सबसे महत्वपूर्ण यह होगा कि हम आतंकवाद तथा अलगाववाद से किस प्रकार लडें़। जम्मू एवं कश्मीर अन्य राज्यों की तरह नहीं है। हमें उपलब्ध विकल्प देखने होंगे।”
गठबंधन की संभावन पर भाजपा के जयनारायण व्यास ने कहा, “राजनीति हमेशा बृहद संभावनाओं का खेल होता है।”