श्रीनगर, 11 अप्रैल (आईएएनएस)। जम्मू एवं कश्मीर में विस्थापित कश्मीरी पंडितों के लिए बस्ती बसाने के सरकार के प्रस्ताव के खिलाफ अलगाववादियों के बंद का असर श्रीनगर और घाटी के अन्य हिस्सों में देखा जा रहा है।
श्रीनगर एवं घाटी के दूसरे जिलों में बाजार, दुकानें, यातायात और अन्य व्यवसाय बंद हैं। हालांकि सरकारी कार्यालय, बैंक और डाकखाने हमेशा की तरह खुले हुए हैं।
श्रीनगर के संवेदनशील इलाकों में कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए पुलिस और केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) के जवानों को बड़ी संख्या में तैनात किया गया है।
सैयद अली गिलानी के नेतृत्व वाले कट्टरपंथी गुट, मीरवाइज उमर फारूक के नेतृत्व वाले उदारवादी गुट एवं यासीन मलिक के नेतृत्व वाले जम्मू-कश्मीर लिबरेशन फ्रंट (जेकेएलएफ) जैसे अलगाववादी गुटों ने कश्मीरी पंडितों के लिए बस्ती बसाने के प्रस्ताव के विरोध स्वरूप शनिवार को बंद का आह्वान किया है।
श्रीनगर में शुक्रवार को सुरक्षा बलों एवं जेकेएलएफ के समर्थकों के बीच हुए उस समय झडप हो गई, जब संगठन के नेता यासीन मलिक को गिरफ्तार कर लिया गया। इस दौरान 24 से ज्यादा लोग घायल हो गए।
अलगाववादी गुट सरकार के इस प्रस्ताव का विरोध कर रहे हैं और आरोप लगा रहे हैं कि यह इजरायल की सरकार द्वारा यहूदियों के लिए अलग बस्ती बसाने की योजना जैसी ही है।