श्रीनगर, 13 अगस्त (आईएएनएस)। पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने शनिवार को सर्वदलीय बैठक में पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) के सांसद मुजफ्फर बेग की कथित टिप्पणी पर कड़ी प्रतिक्रिया जाहिर की।
सर्वदलीय बैठक में बेग ने कहा था कि मदरसों से मिलने वाली दो जोड़ी कमीज और पाजामे के लालच में कश्मीरी युवक हथियार उठा रहे हैं।
अब्दुल्ला ने बैठक में कश्मीरियों के बारे में अत्यंत खतरनाक और विकृत टिप्पणी के लिए बेग की निंदा की।
कश्मीर में तनाव खत्म करने के उपाय खोजने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को एक सर्वदलीय बैठक बुलाई थी।
नेशनल कांफ्रेंस के नेता ने एक बयान जारी कर कहा, “हाल के महीनों में आतंकी संगठनों में शामिल होने वाले एक भी स्थानीय युवक की शैक्षणिक पृष्ठभूमि मदरसा आधरित नहीं रही है।”
उन्होंने कहा, “मुजफ्फर बेग का यह तर्क कि दो जोड़ी कमीज-पाजामा के लिए युवक आतंकवादी हो रहे हैं, यह उनकी पार्टी की मानसिकता का एक संकेत है कि कैसे वे कश्मीर के लोगों को हिकारत भरी नजरों से देखते हैं।”
अब्दुल्ला ने कहा कि हिंसा स्वीकार्य नहीं है, लेकिन “हम कश्मीर के लोगों के अपमान और उपहास बर्दाश्त नहीं कर सकते हैं और परिणामस्वरूप हम उन्हें व्यवस्था से और दूर कर देंगे।”
उन्होंने कहा, “पीडीपी की इस तरह की तिरस्कारपूर्ण टिप्पणी से घाटी में निराशा एवं नाराजगी और बढ़ेगी।”
पीडीपी के एक संस्थापक सदस्य बेग ने शुक्रवार को मदरसों पर गलत शिक्षा देने और कश्मीरी युवाओं को हिंसा पर उतारू होने के लिए उकसाने का आरोप लगाया था।
जम्मू एवं कश्मीर से क्षेत्रीय पार्टी के रूप में केवल पीडीपी ने सर्वदलीय बैठक में भाग लिया था। पार्टी के राज्यसभा में दो और लोकसभा में तीन सदस्य हैं।
बेग ने कहा था कि घाटी में उपद्रव “धार्मिक उग्रवाद की अभिव्यक्ति है।” यह इस्लामिक स्टेट की शक्ल में एक खिलाफत के पुनर्जीवन से अभिप्रेरित है।
मीडिया रपटों के अनुसार बेग ने कहा, “मैंने उनसे कहा कि जो मदरसा में पढ़ाया जाता है वह असली इस्लाम नहीं है। वे इस्लाम के राजनीतिकरण पढ़ाते हैं। वे (छात्र) दो जोड़ी कमीज-पाजामा पाते हैं और इन अतिसंवेदनशील युवाओं को कहा जाता है कि अगर जिहाद में तुम मारे गए तो स्वर्ग जाओगे और अगर जीवित रहे तो नायक बनोगे।”
अब्दुल्ला ने कहा कि पीडीपी को जानना चाहिए कि कश्मीर की रानीतिक भावना न तो इलामिक स्टेट और न ही खिलाफत के पुनर्जीवन से संबंधित है।