कर्नाटक – भाजपा युवा मोर्चा के कार्यकर्ता प्रवीण कुमार नेट्टारे की हत्या के आरोप में गिरफ्तार किए गए तीन लोगों के संबंध पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) और सोशल डेमोक्रेटिक पार्टी ऑफ इंडिया (एसडीपीआई) से हैं। कर्नाटक पुलिस ने गुरुवार को यह जानकारी दी।
एडिशनल डीजीपी आलोक कुमार ने कहा, आरोपियों के पीएफआई और एसडीपीआई से संबंध हैं और चार्जशीट में इसका जिक्र होगा।
15 दिनों तक फरार रहे कथित हत्यारों की पहचान सियाबुद्दीन सुलिया (33), रियाज अंतादका (27) और बशीर एलीमले सुब्रमण्य (29) के रूप में हुई है। पुलिस इससे पहले सात लोगों को हत्यारों की मदद करने और उन्हें पनाह देने के आरोप में गिरफ्तार कर चुकी है। पता चला है कि सियाबुद्दीन कोकोआ (कोको पाउडर) सप्लाई करता था, रियाज चिकन सप्लायर था और बशीर एक होटल में काम करता था।
पुलिस ने इन कथित हत्यारों को कर्नाटक-केरल सीमा के तलप्पाडी से गिरफ्तार किया था। हत्यारों ने केरल के कासरगोड जिले की मल्लिलुद्दीन मस्जिद में शरण ली थी। वहीं से इस बात की जांच की जा रही है कि आरोपी कहां छिपे थे।
आलोक कुमार ने कहा, हत्या के मकसद और उनके पास मौजूद सपोर्ट सिस्टम के आधार पर जांच होनी चाहिए। मामले के एक आरोपी शफीक के पिता प्रवीण नेट्टारे द्वारा संचालित चिकन की दुकान पर काम करते थे।
कुमार ने आगे बताया कि सरकार मामले को राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) को सौंप चुकी है। पुलिस के साथ एनआईए ने भी मामले की जांच की है। हत्यारों को पनाह देने वाले लोगों को पकड़ने के बाद, अपराध में इस्तेमाल किए गए हथियारों और वाहनों का पता लगाने के बाद मामला एनआईए को सौंप दिया जाएगा।
पुलिस ने दो बाइक पर आए हत्यारों को पकड़ने के लिए छह विशेष टीमों का गठन किया था, जिन्होंने 26 जुलाई को नेट्टारे को कथित तौर पर मौत के घाट उतार दिया था। पुलिस टीमों ने उन जगहों पर छापा मारा, जहां हत्यारों ने शरण ली थी और उन्हें पकड़ लिया था।
इस बीच कर्नाटक पुलिस ने हत्याकांड के आरोपियों की संपत्ति कुर्क करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। एडीजीपी आलोक कुमार ने कहा था कि आरोपियों की संपत्ति कुर्क करने की प्रक्रिया जारी है।
उन्होंने कहा कि पुलिस राष्ट्रीय खुफिया एजेंसी (एनआईए) के साथ आरोपी व्यक्तियों की संपत्तियों को कुर्क करेगी।
26 जुलाई को दक्षिण कन्नड़ जिले के बेल्लारे कस्बे में बाइक सवार बदमाशों ने बीजेपी कार्यकर्ता प्रवीण नेट्टारे पर उनकी चिकन की दुकान के सामने हमला कर हत्या कर दी थी।
प्रवीण की हत्या के बाद मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई ने अपने एक साल के कार्यकाल का जश्न रद्द कर दिया था। उन्होंने प्रवीण नेट्टारे के परिवार से मुलाकात की और सरकार से मुआवजे के रूप में 25 लाख रुपये का चेक जारी किया। पार्टी ने परिजनों को अलग से 25 लाख रुपये भी दिए।
इस घटना से पूरे कर्नाटक में भाजपा कार्यकर्ताओं के विरोध की एक श्रृंखला शुरू हो गई। आंदोलनकारियों ने राज्य के गृह मंत्री अरागा ज्ञानेंद्र के आवास की घेराबंदी कर दी थी, जिससे सत्ता पक्ष को भारी शमिर्ंदगी उठानी पड़ी थी। जांच से पता चला था कि नेट्टारे को हलाल मांस के खिलाफ अभियान शुरू करने के लिए निशाना बनाया गया था।