इस्लामाबाद, 15 मई (आईएएनएस)। पाकिस्तान के कराची में दो दिनों पहले हुए बस हमले में नौ मिलीमीटर की स्वचालित पिस्तौलों के अलावा कलाश्निकोव राइफलों के अलावा चाकू जैसी धारदार वस्तु का भी इस्तेमाल किया गया था। शुक्रवार को एक शव परीक्षण रपट में यह बात सामने आई है।
पाकिस्तान में दो दिनों पहले हुए इस हमले में 46 अल्पसंख्यक मुस्लिमों की हत्या कर दी गई थी।
जियो न्यूज की रपट के मुताबिक, चिकित्सकों के अनुसार तीन पीड़ितों (दो पुरुष और एक महिला) के सिर और गर्दन पर कटने के निशान आए हैं, जो कि चाकू के समान धारदार हथियार के हैं।
43 पीड़ितों की पोस्टमार्टम रपट पुलिस सर्जन जलील कादिर द्वारा तैयार की गई है। मृतकों में 17 महिलाएं और 26 पुरुष शामिल हैं।
रपट के मुताबिक, 18 पीड़ितों की मौत एक गोली के घाव के कारण हुई, जबकि 25 लोगों की मौत दो से तीन गोलियों के कारण हुई।
रपट में पीड़ितों की उम्र 20 से 70 साल बताई गई है साथ ही कहा गया है कि कई पीड़ितों को बिलकुल नजदीक से गोली मारी गई।
सिंध पुलिस के आतंकवाद रोधी विभाग के प्रमुख रजा उमेर खताब के अनुसार चार हमलावर बस पर चढ़े और उसमें सवार लोगों को गोली मार दी। पीड़ितों में ज्यादातर को सिर में करीब से गोली मारी गई।
खताब ने कहा, “चार बंदूकधारी बस पर चढ़े। हमारे सबूतों से यह प्रतीत हो रहा है कि वे दोनों (आगे और पीछे) दरवाजों से बस पर चढ़े।” उन्होंने बताया कि हो सकता है कि दो से तीन हमलावर बस के बाहर अपनी मोटरसाइकिलों पर इंतजार कर रहे थे।”
उन्होंने कहा, “बस में 57 सीटें थीं और वे 55 सीटों पर गए और पीड़ितों के सिर में गोली मार दी। ज्यादातर मौतें इसी वजह से हुईं क्योंकि पीड़ितों को सिर में गोली मारी गई थी।”
खताब ने कहा कि पुलिस फोरेंसिक रपट पूरी करने की प्रक्रिया में है।
उन्होंने कहा, “हम अन्य सबूतों पर काम कर रहे हैं और इस मामले में प्रत्यक्षदर्शियों के बयान इकट्ठा कर रहे हैं।”
उन्होंने इस बात की भी पुष्टि की कि हमले में नौ मिमी की पिस्तौल और कलाशनिकोव राइफल का इस्तेमाल किया गया था।
उल्लेखनीय है कि बुधवार की सुबह इस्माइली समुदाय से संबंधित आतंकवादी एक बस में चढ़ गए और 46 लोगों को मौत के घाट उतार दिया था। इस्माइली समुदाय शिया समुदाय का एक उप संप्रदाय है।