नई दिल्ली, 11 अक्टूबर (आईएएनएस)। वित्तमंत्री अरुण जेटली ने गुरुवार को कहा कि विगत वर्षो में प्रत्यक्ष कर संग्रह में औसतन 15-20 फीसदी का इजाफा हुआ है।
वित्तमंत्री ने कहा कि देश में बहुतायत में लोगों द्वारा प्रौद्योगिकी को अपनाने से अर्थव्यवस्था पहले से अधिक औपचारिक बन गई है।
नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (सीएजी) की एकाउंटेंट जेनरल कांफ्रेंस में उन्होंने यहां कहा कि काले धन के विरुद्ध उठाए गए कदमों और लेन-देन की निगरानी के लिए प्रौद्योगिकी का उपयोग करने से सरकार को संसाधन बढ़ाने में मदद मिली है।
जेटली ने कहा, “कर संग्रह में हर साल उत्तरोत्तर 15-20 फीसदी की बढ़ोतरी हो रही है।”
उन्होंने कहा, “चार साल पहले तक जहां करीब 3.8 करोड़ करदाता थे वहां पिछले साल करदाताओं की संख्या बढ़कर छह करोड़ से ज्यादा हो गई। हमें उम्मीद है कि हमारे पांच साल के कार्यकाल में करदाताओं की तादाद 7.3-7.5 करोड़ हो जाएगी।”
वित्तमंत्री ने कहा, “इसके अलावा, कालाधन के खिलाफ उठाए गए कदमों, लेन-देन का पता लगाने के लिए प्रौद्योगिकी का इस्तेमाल और विमुद्रीकरण जिसने बैंकों में धन जमा करने को अनिवार्य बनाया, इस सब से इस प्रक्रिया में लाभ मिला है।”
उन्होंने कहा कि वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) लागू होने से करदाताओं की संख्या में बढ़ोतरी हुई है और अर्थव्यवस्था को औपचारिक बनाने की गति में तेजी आई है।
उन्होंने कहा, “जीएसटी लागू होने के पहले साल में ही अप्रत्यक्ष करदाताओं की संख्या में 74 फीसदी का इजाफा हुआ है।”