नई दिल्ली, 19 फरवरी (आईएएनएस)। देशद्रोह के आरोप में गिरफ्तार जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) छात्र संघ अध्यक्ष कन्हैया कुमार की जमानत याचिका पर दिल्ली उच्च न्यायालय में सोमवार को सुनवाई होने की संभावना है।
विपक्ष ने कन्हैया कुमार की गिरफ्तारी के खिलाफ सरकार पर अपने हमले तेज कर दिए हैं। कन्हैया की रिहाई की मांग को लेकर वामपंथी संगठनों के छात्रों ने बिहार में रेलगाड़ियों को रोका। जबकि, दिल्ली में वकीलों ने कन्हैया के खिलाफ शोरगुल से भरा मार्च निकाला।
जेएनयू छात्र संघ के अध्यक्ष ने निचली अदालत द्वारा दो मार्च तक के लिए न्यायिक हिरासत में भेजे जाने के दो दिन बाद दिल्ली उच्च न्यायालय में जमानत याचिका दायर की।
इससे पहले, सर्वोच्च न्यायालय ने कन्हैया की जमानत याचिका की सुनवाई से इनकार कर दिया। शीर्ष अदालत ने कन्हैया के वकील से कहा कि वह जमानत के लिए दिल्ली उच्च न्यायालय में याचिका दायर करें।
संसद पर हमले के दोषी अफजल गुरु की फांसी की बरसी पर जेएनयू परिसर में एक कार्यक्रम के बाद कन्हैया कुमार को राष्ट्रद्रोह के आरोप में 12 फरवरी को गिरफ्तार किया गया था।
राष्ट्रीय राजधानी स्थित राम मनोहर लोहिया अस्पताल द्वारा शुक्रवार को जारी रपट के मुताबिक कन्हैया कुमार के शरीर पर चोट के कई निशान पाए गए हैं। पटियाला हाउस कोर्ट में वकीलों ने उनकी पिटाई की थी।
यह चिकित्सा रपट दिल्ली पुलिस और इसके आयुक्त बी. एस. बस्सी के उस दावे की पोल खोलती है, जिसके मुताबिक अदालत परिसर में कन्हैया की पिटाई नहीं हुई थी।
कांग्रेस ने भाजपा-आरएसएस पर ‘युवाओं को भेदभाव की प्रयोगशाला का गिनी पिग’ बनाने का आरोप लगाया। कांग्रेस ने कहा कि छात्रों के दमन और परिसरों में तरह-तरह की रोक लगाने के लिए राष्ट्रवाद का नाम लेना गलत है।
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि केंद्र सरकार आर्थिक मोर्चे पर अपनी नाकामी को छिपाने के लिए एक भावनात्मक मुद्दा गढ़ रही है।
नीतीश ने पूछा, “अगर उनके पास कन्हैया कुमार को राष्ट्रद्रोह के आरोप में गिरफ्तार करने का सबूत है तो वे उसे सार्वजनिक क्यों नहीं करते?”
कन्हैया का संबंध बिहार के बेगूसराय से है। उनके पिता जयशंकर सिंह ने बेगूसराय में कहा कि कन्हैया बेकसूर है। उन्होंने मामले की सीबीआई जांच की मांग की। सिंह ने आरोप लगाया कि भाजपा और आरएसएस ने उनके बेटे को फंसाया है।
कन्हैया की मां मीना देवी ने कहा, “मेरे बेटे पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की पूरी जानकारी में अत्याचार किया जा रहा है। मेरे बेटे ने कुछ भी गलत नहीं किया है।”
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि भाजपा और आरएसएस के खिलाफ बोलना देश में सबसे बड़ा अपराध हो गया है।
केजरीवाल ने कहा कि यह एक नई भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) है। उन्होंने ट्वीट किया, “हत्या, दुष्कर्म और किसी को पीटना कोई अपराध नहीं है, बस शर्त यह है कि इन्हें करने वाला भाजपा का हो। भाजपा और आरएसएस का विरोध अब सबसे बड़ा अपराध है। केंद्र की नई आईपीसी है-दुष्कर्म करो, हत्या करो, किसी को पीटो। कोई पूछे तो कह दो कि वह भारत विरोधी नारे लगा रहा था। आप छूट जाओगे।”
छह वामपंथी दलों ने कन्हैया कुमार को अविलंब रिहा करने और उन लोगों पर कार्रवाई करने की मांग की है ‘जिन्होंने कन्हैया पर राष्ट्रद्रोह का मामला दर्ज कराने के लिए सबूतों से छेड़छाड़ की है। ‘
संयुक्त बयान मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी, भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी, रिवोल्यूशनरी सोशलिस्ट पार्टी, ऑल इंडिया फारवर्ड ब्लॉक, कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ इंडिया-मार्क्सवादी-लेनिनवादी-लिबरेशन और सोशलिस्ट युनिटी सेंटर ऑफ इंडिया-कम्युनिस्ट की ओर से जारी किया गया। इन्होंने कहा कि कन्हैया की गिरफ्तारी सांप्रदायिक ध्रुवीकरण को और धारदार बनाने की कोशिशों का हिस्सा है।
बयान के मुताबिक, “अब यह सच सामने आ गया है कि सरकार द्वारा प्रस्तुत किए गए अधिकांश सबूत झूठे और गढ़े हुए थे। जिन्होंने ये झूठे सबूत गढ़े और इन्हें प्रचारित किया, उनके खिलाफ कानून के तहत कार्रवाई की जानी चाहिए।”
वामपंथी दलों ने कहा कि वे इस मुद्दे पर 23-25 फरवरी को अखिल भारतीय विरोध प्रदर्शन आयोजित करेंगे।
कन्हैया कुमार की रिहाई की मांग को लेकर बिहार में ऑल इंडिया स्टूडेंट फेडरेशन (एआईएसएफ) सहित करीब 10 छात्र संगठनों ने विभिन्न रेलवे स्टेशनों पर रेल परिचालन बाधित किया। बिहार संपर्क क्रांति एक्सप्रेस, जानकी एक्सप्रेस और जयनगर-समस्तीपुर पैसेंजर समेत आधा दर्जन रेलगाड़ियों के परिचालन पर असर पड़ा।
दिल्ली में सैकड़ों नारे लगाते वकीलों ने पटियाला हाउस कोर्ट परिसर से इंडिया गेट तक मार्च निकाला और ‘देश विरोधी जेएनयू छात्रों’ पर कार्रवाई की मांग की। इन वकीलों का नेतृत्व करने वालों में विक्रम चौहान भी शामिल थे जिन्होंने सोमवार और बुधवार को अदालत परिसर में छात्रों और पत्रकारों पर हमले की अगुआई की थी।
गोवा में कांग्रेस से संबद्ध छात्र संगठन ने कहा कि वह ‘शिक्षण परिसरों पर नियंत्रण के भाजपा-आरएसएस के प्रयासों’ से मुकाबले के लिए देश स्तर पर वामपंथी छात्र संगठनों के साथ सहयोग करेगा।