नई दिल्ली, 21 जनवरी (आईएएनएस)। उद्योग संगठन, एसोचैम ने बुधवार को भारत और अमेरिका के दिग्गज मुख्य कार्यकारियों पर एक सर्वेक्षण जारी किया। सर्वेक्षण में कहा गया है कि अमेरिकी उद्योग जगत के दिग्गज राष्ट्रपति बराक ओबामा के भारत दौरे को लेकर काफी उत्सुक हैं।
अमेरिकी उद्योग जगत भारत में भाजपा के सत्ता में आने के बाद घरेलू बाजार की पहुंच के दायरे को समझना चाहता है।
उद्योग संगठन ने कहा कि भारत के बड़े शहरों और वाशिंगटन, न्यूयॉर्क, सैन फ्रांसिस्को, शिकागो और बोस्टन जैसे अमेरिकी शहरों में प्रमुख भारतीय और अमेरिकी उद्यमियों के बीच छह जनवरी से 16 जनवरी के बीच यह सर्वेक्षण किया गया।
यह सर्वेक्षण एसोचैम के न्यूयॉर्क कार्यालय ने अपने सहयोगी चैनलों के साथ मिलकर किया है।
एसोचैम के अध्यक्ष राणा कपूर ने इस बात पर बल दिया कि ओबामा के भारत दौरे का लाभ द्विपक्षीय संबंधों से परे है। “इससे बाकी देशों में यह संदेश जाएगा कि भारत कारोबार के लिहाज से बेहतर जगह है।”
उन्होंने कहा, “हमें विश्वास है कि इस दौरे से कई अन्य बड़ी अर्थव्यवस्थाएं दिलचस्पी के साथ भारत की तरफ रुख करेगी। इस समय ओबामा का दौरा परिवर्तनकारी होने जा रहा है। यहां तक कि दावोस में चल रही विश्व आर्थिक मंच की सालाना बैठक में भी पूरा ध्यान अमेरिकी राष्ट्रपति ओबामा के भारत दौरे पर है।”
118 में से लगभग 72 प्रतिशत कॉर्पोरेट दिग्गजों ने कहा कि उन्हें उम्मीद है कि राष्ट्रपति ओबामा भारतीय बाजारों में अमेरिकी कंपनियों के समक्ष मौजूद बाधाओं को दूर करने और अमेरिकी कंपनियों की घरेलू बाजार में अधिक पहुंच बनाने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को प्रोत्साहित करेंगे।
अमेरिकी कंपनियां भारत सरकार के कुछ प्रमुख कार्यक्रमों जैसे मेक इन इंडिया, स्मार्ट शहर, साफ-सफाई (स्वच्छ भारत अभियान) और नवीकरणीय ऊर्जा, विशेष रूप से सौर ऊर्जा में बड़े स्तर पर साझेदारी करने के लिए उत्सुक हैं।
इसी तरह से भारतीय शहरों -बेंगलुरू, हैदराबाद, पुणे, गुड़गांव और चेन्नई में प्रमुख कंपनियों के सीईओ अमेरिका में आउटसोर्सिग कारोबार में भारतीय आईटी कंपनियों के समक्ष समस्याओं के समाधान के लिए मोदी की तरफ देख रहे हैं।
राणा कपूर ने कहा, “लेकिन सच्चाई यह है कि बड़ी संख्या में भारतीय आईटी कंपनियां अमेरिका में भारी निवेश कर रही हैं, जिससे अमेरिकी नागरिकों के लिए रोजगार के अवसर पैदा हो रहे हैं। भारत में कंपनियों के निचले क्रम का ढांचा अमेरिकी कंपनियों की आपूर्ति श्रृंखला का ही हिस्सा है।”
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।