भुवनेश्वर, 4 अप्रैल (आईएएनएस)। ओडिशा सरकार ने शनिवार को कहा कि राज्य में लगभग 60 बाघ हैं और उन्होंने राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण (एनटीसीए) द्वारा तैयार किए गए आंकड़े को खारिज कर दिया।
इस वर्ष जनवरी में जारी अखिल भारतीय बाघ आकलन रपट में कहा गया है कि ओडिशा में बाघों की संख्या 2010 में 32 से घटकर 28 हो गई और 2006 में यह संख्या 45 थी। ओडिशा में बाघ की घटती संख्या ने राज्य सरकार को केंद्र के विरुद्ध खड़ा कर दिया है।
प्रधान मुख्य वन संरक्षक (वन्यजीव) एस.एस. श्रीवास्तव ने यहां संवाददाताओं को बताया, “जनवरी में घोषित परिणाम तब घोषित किया गया जब राज्य में गिनती का काम अंतिम चरण में था। अब हमने और बाघों की उपस्थिति के बारे में एनटीसीए को अतिरिक्त सूचना और चित्र भेजे हैं।”
उन्होंने कहा कि जिस समय बाघों की गिनती घोषित की गई थी, उस समय एनटीसीए ने राज्य के अधिकांश संभागों का सर्वे नहीं किया था। वन संरक्षक ने दावा किया कि पूरे राज्य में बाघों की मौजूदगी का अंतिम आंकड़ा सामने आ गया है और इसकी संख्या 60 के आसपास है।
उन्होंने कहा कि संभाग वार संख्या शीघ्र सामने आ जाएगी।
राज्य में बाघों की संख्या 28 बताने वाले सर्वे के परिणाम का विरोध करते हुए श्रीवास्तव ने इससे पहले एनटीसीए को पत्र भेज कर गिनती प्रक्रिया की पुन: जांच कराने की मांग की थी। राज्य के पास तीन बाघ संरक्षण केंद्र सिमिलीपाल, सतकोसिआ और सुनबेदा हैं। नक्सलियों की मौजूदगी के कारण सतकोसिया में बाघों की गिनती नहीं हो सकी है।