सुलतानपुर, 27 सितंबर – उत्तर प्रदेश के सुलतानपुर में स्टूडेंट्स फेडरेशन ऑफ इंडिया (एसएफआई) ने अपने आदर्श शहीद-ए-आजम भगत सिंह के 107वें जन्मदिवस पर जुलूस निकाला और विचार गोष्ठी आयोजित की।
जिला उपाध्यक्ष कुलदीप यादव के नेतृत्व में एसएफआई के जिला कार्यालय से जुलूस निकाला गया, जिसमें कार्यकर्ताओं ने इंकलाबी नारे लगाए। ‘ऐ शहीद तेरे अरमानों को मंजिल तक पहुंचाएंगे’, ‘भगत सिंह तेरे सपनों को हम साकार बनाएंगे’ जैसे नारे लगाते हुए संगठन के सदस्य जिला पंचायत भवन स्थित शहीद-ए-आजम भगत सिंह की प्रतिमा के समक्ष पहुंचे। प्रतिमा पर माल्यार्पण के बाद विचार गोष्ठी का आयोजन किया गया, जिसका संचालन जिला सचिव महेश तिवारी ने किया और अध्यक्षता विवेक पांडेय ने की।
तिवारी ने भगत सिंह के जीवन व उनके विचारों पर प्रकाश डालते हुए छात्रों व नौजवानों से शहीद-ए-भगत सिंह के विचारों को आम जनमानस तक पहुंचाने की अपील की और कहा कि शहीदों के दिखाए रास्ते पर चलकर ही हिंदुस्तान शहीदों के सपनों का भारत बन सकेगा, जिसकी कल्पना शहीदों ने की थी।
उन्होंने कहा कि भगत सिंह मात्र व्यक्ति नहीं, विचार-पुंज थे। उन्होंने हिंदुस्तान रिपब्लिकन सोशलिस्ट एसोसिएशन के बैनर तले भारत के छात्रों, नौजवानों, मजदूरों और किसानों को जाति-धर्म से ऊपर उठकर आजादी की लड़ाई लड़ने की अपील की।
तिवारी ने कहा कि भगत सिंह ने कहा भी था कि आजादी के बाद अगर सत्ता की कमान छात्रों, नौजवानों, किसानों और मजदूरों ने अपने हाथ में नहीं ली तो भारत तो आजाद हो जाएगा, मगर कोई बदलाव नहीं आएगा। गोरे अंग्रेज भारत से चले जाएंगे काले अंग्रेज (देश के नेता) हम पर शासन करेंगे और व्यवस्था में कोई परिवर्तन नहीं होगा। उनकी यह बात आज सौ फीसदी सच साबित हो रही है।
जिला उपाध्यक्ष कुलदीप यादव ने कहा कि शहीद भगत सिंह के जीवन का एक-एक पल हमें प्रेरणा देता है। उन्होंने मात्र 14 वर्ष की उम्र में जलियांवाला बाग हत्याकांड के शहीदों के खून से सनी हुई मिट्टी लाकर पूजाघर में रखकर उस पर फूल चढ़ाकर शपथ ली थी कि एक दिन हम भारत से अंग्रेजों को खदेड़ देंगे। उनमें क्रांतिकारी विचारों की अलख जगाने का श्रेय इनके दादा स्वर्ण सिंह व चाचा अजीत सिंह को जाता है।