न्यूयार्क, 1 अप्रैल (आईएएनएस)। एशिया महादेश में दुनिया की लगभग आधी आबादी रहती है, लेकिन यहां के लोगों को साल 2050 तक पानी की भारी किल्लत का सामना करना पड़ेगा। एक नए शोध में यह खुलासा हुआ है।
इस शोध में कहा गया है कि पानी की इस किल्लत का मुख्य कारण बढ़ती आबादी और वर्तमान पर्यावरण संबंधी व आर्थिक समस्याएं होंगी।
इस शोध में कहा गया है कि पानी की किल्लत महज जलवायु परिवर्तन या पर्यावरण पर दबाव का नतीजा नहीं है।
अमेरिका की मैसाचुसेट्स इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नॉलजी की वरिष्ठ शोध वैज्ञानिक एडम स्क्लॉजर ने बताया, “यह केवल जलवायु परिवर्तन का मुद्दा नहीं है। हम इस क्षेत्र की आबादी और अर्थव्यवस्था के कारण संसाधानों की मांग और उनके प्रबंधन पर पड़ने वाले प्रभाव की अनदेखी नहीं कर सकते। हालांकि जलवायु का असर सबसे अधिक है जिसके कारण पर्यावरण पर दबाव बढ़ता जा रहा है।”
यह शोध प्लोस वन जर्नल में प्रकाशित किया गया है। इसमें यह दिखाया गया है कि आबादी में वृद्धि होने और जलवायु में परिवर्तन होने से अगल 35 सालों में एशिया की बड़ी आबादी गंभीर जल संकट से जूझ रही होगी।