नई दिल्ली, 6 नवंबर (आईएएनएस)। पुआल जलाए जाने की वजह से उत्तर भारत धुंध की चपेट में हैं। केंद्रीय पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने शुक्रवार को कहा कि हवा की गुणवत्ता में सुधार के लिए सरकार जल्द ही दिशानिर्देश जारी करेगी।
केंद्र सरकार केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) में जल्द ही एक नियंत्रण कक्ष स्थापित करेगी ताकि दिल्ली और राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) में प्रदूषण के स्तर और हवा की गुणवत्ता की रोजाना निगरानी और समीक्षा की जा सके।
एनसीआर राज्यों के पर्यावरण मंत्रियों के साथ बैठक के बाद जावड़ेकर ने शुक्रवार को यहां कहा कि दिल्ली और राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में हवा की गुणवत्ता में सुधार के लिए वायु अधिनियम की धारा 18 के तहत जल्द ही निर्देश जारी किए जाएंगे। जावड़ेकर ने नागरिकों और खास तौर से बच्चों से अपील की कि वे दिवाली में पटाखे न छोड़ें।
मंत्री ने लोगों से आग्रह किया कि वे सड़कों और गलियों में प्रदूषण तथा जाम की स्थिति को कम करने के लिए अपनी लेन में चलने के अनुशासन का पालन करें। उन्होंने लोगों से यह आग्रह भी किया कि वे अपने वाहनों का उचित रखरखाव करें और छोटी दूरी के लिए साइकिल का प्रयोग करें।
बैठक में मंत्री ने विभिन्न राज्य सरकारों द्वारा जुलाई में दी गई एक वर्षीय कार्य योजना की भी समीक्षा की। सभी राज्य सरकारें प्रदूषण कम करने और हवा की गुणवत्ता में सुधार के लिए उठाए गए कदमों के बारे में त्रैमासिक रपट पेश करेंगी।
फसल कटने के बाद पुआल जलाने की प्रक्रिया रोकने संबंधी विभिन्न उपाय भी सुझाए गए। इनमें उपयोगी विकल्प प्रतिबंध और बेल मशीनों को सब्सिडी प्रदान करने संबंधी कदम शामिल हैं।
पंजाब सरकार ने फसल कटने के बाद पुआल जलाने से होने वाले दुष्प्रभावों के बारे में जागरूकता कार्यक्रम शुरू किया है। वहीं राजस्थान सरकार ने इस साल अगस्त में एक अधिसूचना जारी कर पुआल जलाने पर प्रतिबंध लगा दिया है।
पंजाब के मोहाली में मशीनों द्वारा सड़कों की सफाई शुरू की गई है और जल्द ही अन्य शहरों में भी ऐसी ही प्रणाली शुरू की जाएगी। राजस्थान सरकार ने प्रदूषण नियंत्रण जांच केंद्रों की संख्या 475 से बढ़ाकर 800 कर दी है।
दिल्ली में प्रदूषण नियंत्रण के नियम लागू करने के लिए प्रयास तेज कर दिए गए हैं। हाल में एक लाख वाहनों की जांच की गई जिनमें से 70 हजार वाहनों के पास वैधानिक प्रदूषण नियंत्रण प्रमाण पत्र पाए गए।
प्रदूषण नियंत्रण जांच केंद्रों की संख्या भी बढ़ाई जा रही है। दिल्ली सरकार ने दो हजार स्कूलों और ईको क्लबों को पत्र भी भेजा है और उनसे आग्रह किया है कि वे दिवाली के दौरान पटाखों का इस्तेमाल कम से कम करें और यथासंभव पटाखे न चलाने का प्रयास करें।
बैठक में हरियाणा के मंत्री कैप्टन अभिमन्यु, राजस्थान के मंत्री राज कुमार रिनवा, दिल्ली के मंत्री इमरान हुसैन सहित एनडीएमसी, दिल्ली विकास प्राधिकरण, दिल्ली यातायात पुलिस तथा हरियाणा, राजस्थान, उत्तर प्रदेश और दिल्ली के अधिकारी उपस्थित थे।