नई दिल्ली, 7 अगस्त (आईएएनएस)। राज्यसभा में शुक्रवार को भी दिन भर हंगामा होता रहा। दो बार कार्यवाही को स्थगित किया गया। तीसरी बार भी जब हंगामा नहीं थमा तो कार्यवाही दिन भर के लिए स्थगित कर दी गई।
सदन की कार्यवाही शुरू होने के तुरंत बाद उप सभापति पी.जे.कुरियन ने समाजवादी पार्टी (सपा) के नेता नरेश अग्रवाल को अपनी बात रखने की अनुमति दी।
उन्होंने राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) के 30 सांसदों की तरफ से सभापति एम.हामिद अंसारी को दिए नोटिस का मुद्दा उठाया, जिसमें सदन की कार्यवाही बाधित करने वाले कांग्रेस के सांसदों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की गई है।
अग्रवाल ने कहा, “कांग्रेस सत्तारूढ़ पार्टी के तानाशाही रवैये का विरोध कर रही है और पूरा विपक्ष उसके साथ है। राज्यसभा के सभापति को दिया गया नोटिस उन पर दबाव डालने की कोशिश है।”
हंगामे के बीच उप सभापति कुरियन ने सदन की कार्यवाही दोपहर तक के लिए स्थगित कर दी।
सदन की कार्यवाही दोबारा शुरू होने पर यही दृश्य बरकरार रहा। सभापति हामिद अंसारी ने हालांकि प्रश्नकाल चलाने की कोशिश की, लेकिन वह हंगामे के बीच ऐसा नहीं कर पाए।
अग्रवाल ने फिर नोटिस का मुद्दा उठाया।
कांग्रेस सदस्यों ने नरेंद्र मोदी सरकार के खिलाफ ‘तानाशाही खत्म करो, मोदीशाही खत्म करो’ के नारे लगाए।
हंगामे को देखते हुए अंसारी ने सदन की कार्यवाही अपराह्न 2.30 बजे तक के लिए स्थगित कर दी।
कार्यवाही फिर शुरू होने पर सदन में निजी सदस्यों के विधेयकों को पटल पर रखा गया। इस पर कांग्रेस के आनंद शर्मा ने कहा, “विधेयक पेश करना ठीक है लेकिन इन पर चर्चा नहीं हो सकती।”
उन्होंने कहा कि सदन में कई सदस्य मौजूद नहीं हैं। इन सदस्यों को लगा होगा कि सदन में काम नहीं होगा। शोरशराबे के बीच आनंद शर्मा ने कहा, “सदन गतिरोध का शिकार है और सरकार इसका अर्थपूर्ण समाधान खोजने में सख्त रवैया अपना रही है। ऐसा सरकार की जिद और अहंकार की वजह से हो रहा है। हमारे उठाए गए मुद्दों का संज्ञान लेने के बाद ही चर्चा होगी। “
सदन में हंगामा जारी रहने पर उप सभापति ने कार्यवाही दिन भर के लिए स्थगित कर दी।
इससे पूर्व कांग्रेस तथा भाजपा ने अपने-अपने सांसदों को सदन में उपस्थित रहने के लिए व्हिप जारी किया था।