नई दिल्ली, 27 अक्टूबर (आईएएनएस)। इटली के प्रधानमंत्री पाओलो जेंटिलोनी 30 अक्टूबर को एक दशक बाद भारत के अधिकारिक दौरे पर आ रहे हैं। विदेश मंत्रालय ने शुक्रवार को इसकी घोषणा की।
इटली के प्रधानमंत्री रोमानो प्रोडी ने फरवरी 2007 में भारत का दौरा किया था।
विदेश मंत्रालय ने एक बयान में बताया, “एक दशक से ज्यादा समय के बाद इटली के प्रधानमंत्री भारत आ रहे हैं। इस दौरे का उद्देश्य दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय, राजनीतिक और आर्थिक संबंधों को मजबूत करना है।”
इस दौरे का इसलिए भी महत्व है क्योंकि फरवरी 2012 में केरल तट पर जहाज एम.वी. इनरिका लेक्सी में इटली के दो नौसेनिकों लाटोरे मस्सिमिलियानो और सल्वाटोर गिरोने द्वारा कथित रूप से दो भारतीय मछुआरों की गोली मारकर हत्या करने के बाद दोनों देशों के संबंधों में ठहराव आ गया था।
भारत ने दोनों को हिरासत में ले लिया था लेकिन इटली ने घटना को अंतर्राष्ट्रीय सीमा में होने का हवाला देकर इसकी जांच समुद्री कानून के लिए अंतर्राष्ट्रीय न्यायाधिकरण (इटीएलओएस) से कराने की मांग की थी। इसके बाद भारत ने सर्वोच्च न्यायालय का रुख किया था जहां सितंबर 2014 में लाटोरे को स्वास्थ्य कारणों से इटली जाने दिया गया था। बाद में, मई 2016 में गिरोने को भी इटली जाने की इजाजत दी गई।
नई दिल्ली और रोम के बीच इस विवाद की वजह से भारत और यूरोपीय संघ के बीच मुक्त व्यापार समझौते पर भी असर पड़ा था।
विदेश मंत्री सुषमा स्वराज के पिछले वर्ष सितंबर में मदर टेरेसा को संत की उपाधि दिए जाने के मौके पर वेटीकन जाने के बाद ही दोनों देशों के बीच कूटनीतिक संबंधों में कुछ गर्माहट आई थी।
बयान के अनुसार, भारत में विभिन्न क्षेत्रों से संबंधित 600 से ज्यादा कंपनियां यहां सक्रिय हैं। वहीं इटली में भारत की आईटी व इलेक्ट्रोनिक्स समेत अन्य क्षेत्रों की कंपनियां वहां सक्रिय है। इसके अलावा इटली में भारतीय समुदाय के 180,000 लोग रहते हैं जोकि यूरोपीय संघ में ब्रिटेन और नीदरलैंड के बाद सबसे ज्यादा बड़ी आबादी है।