अबू धाबी, 6 जनवरी (आईएएनएस)। भारतीय फुटबाल टीम यहां एएफसी एशियन कप के ग्रुप स्तर अपने पहले मैच में आज थाईलैंड का सामना करेगी।
स्टीफन कांस्टेनटाइन के मार्गदर्शन में भारत के लिए यह टूर्नामेंट किसी भी लिहाज से आसान नहीं होगा और उसकी कोशिश टूर्नामेंट का आगाज जीत के साथ करने की होगी।
भारत आठ वर्षो के लंबे अंतराल के बाद इस टूर्नामेंट में हिस्सा ले रहा है। भारतीय टीम ने आखिरी बार 2011 में इस प्रतियोगिता लिया था जहां उसे ग्रुप स्तर के तीनों मैचों में हार झेलनी पड़ी थी। भारत 2011 से पहले 1964, 1984 में भी इस टूर्नामेंट में हिस्सा ले चुका है।
भारत 2015 के पिछले संस्करण में इस टूर्नामेंट के लिए क्वालीफाई नहीं कर पाया था। इस बार कांस्टेनटाइन के मार्गदर्शन में भारत ने यह सफलता हासिल की। इस दौरान भारत ने लगातार 13 मैच जीते। भारत ने एशियन कप की तैयारी के लिए पिछले वर्ष कई दोस्ताना मैच खेले जिसमें चीन के खिलाफ उसी के घर में खेला रोमांचक गोल रहित ड्रॉ शामिल है। पिछले वॉर्मअप मैच में भारत ने ओमान से भी गोलरहित ड्रॉ खेला जबकि थाईलैंड को ओमान ने वॉर्मअप मैच में मात दी। टीम के कोच कांस्टेनटाइन हालांकि थाईलैंड को हल्के में लेने के मूड में नहीं हैं।
भारतीय टीम का 2011 में प्रदर्शन अच्छा नहीं रहा था लेकिन इस बार टीम से बेहतरीन प्रदर्शन की उम्मीद इसलिए की जा रही है क्योंकि टीम के अधिकतर खिलाड़ी युवा हैं। 2011 में जहां ज्यादातर खिलाड़ी अपने करियर के अंतिम पड़ाव पर थे तो वहीं इस बार टीम युवा जोश से लबरेज है। स्टार खिलाड़ी सुनील छेत्री और गोलकीपर गुरप्रीत सिंह संधू ही दो ऐसे खिलाड़ी हैं जिन्हें एशियन कप में भाग लेने का अनुभव है। हालांकि, छेत्री का मानना है कि भारतीय टीम में भले ही कम अनुभव हो लेकिन अन्य टीमों के लिए वह कड़ी चुनौती पेश करेंगे।
अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर भारत के लिए सबसे अधिक गोल (65) दागने वाले छेत्री के कंधों पर इस बार टीम के अटैक का दारोमदार होगा। स्ट्राइकर जेजे लालपेखलुआ भी भारतीय टीम का हिस्सा हैं लेकिन इंडियन सुपर लीग (आईएसएल) में चेन्नइयन एफसी के लिए इस सीजन उनका प्रदर्शन बेहद खराब रहा है। छेत्री के साथ बेंगलुरू एफसी में खेलने वाले उदांता सिंह से विंग पर टीम की अहम कड़ी साबित होंगे। उनके अलावा, बलवंत सिंह और युवा खिलाड़ी सुमित पासी, आशिक कुरुनियन एवं हालीचरण नारजारे भी मैच में अपनी छाप छोड़ना चाहेंगे।
मिडफील्ड में प्रणॉय हल्दर, अनुरुद्ध थापा और रोवलिन बोर्गेस की तिकड़ी पर कांस्टेनटाइन लंबे समय से विश्वास दिखाते आए हैं।
लेकिन जो चीज भारत की जीत में अहम भूमिका निभाएगी वो है टीम का डिफेंस। जहां संदेश झिगान, अनस एडाथोडिका जैसे नाम हैं जिन्होंने हालिया दौर में लगातर अच्छा प्रदर्शन किया है। इनके अलावा राइटबैक प्रीतम कोटाल और लफ्टबैक सुभाशीष बोस एवं नारायण दास का मिडफील्ड के साथ में तालमेल अच्छा रहा है।
दूसरी आेर थाईलैंड की टीम फिलहाल एशिया की सर्वश्रेष्ठ टीम न हो लेकिन अपने दिन पर वह किसी को भी धूल चटा सकती है। मुख्य कोच मिलोवान राजेवाक के मार्गदर्शन में टूर्नामेंट में हिस्सा ले रही थाईलैंड फीफा रैंकिंग में 118वें स्थान पर काबिज है।
भारत और थाईलैंड की टीम 21 बार आपस में भिड़ चुके हैं जिसमें भारत ने चार और थाईलैंड ने 11 मैचों में जीत दर्ज की है। हालांकि, पिछले 20 वर्षो में यह दोनों टीमें केवल दो बार ही आमने-सामने हुई है। भारतीय टीम ने आखिरी बार थाईलैंड को 1986 में कुआलालम्पुर में हुए मेर्देका टूर्नामेंट में मात दी थी।
भारतीय समय के अनुसार यह मैच शाम सात बजे खेला जाएगा और स्टार स्पोर्ट्स 3 पर प्रसारित किया जाएगा।
भारतीय टीम :
गोलकीपर : गुरप्रीत सिंह संधू, अमरिंदर सिंह, विशाल कैथ।
डिफेंडर : प्रीतम कोटाल, संदेश झिंगन, अनस एदाथोडिका, सलाम रंजन सिंह, सार्थक गोलुई, सुभाशीष बोस और नारायण दास।
मिडफील्डर : उदांता सिंह, जैकीचंद सिंह, प्रणॉय हल्दर, अनिरुद्ध थापा, विनीत राय, रॉलिगं बोर्गेस, जर्मनप्रीत सिंह, अशिक कुरुनियान, हालीचरण नारजारे।
फारवर्ड : सुनील छेत्री, जेजे लालपेखलुआ, बलवंत सिंह, सुमित पस्सी।