नई दिल्ली, 1 मई (आईएएनएस)। भारतीय तीरंदाजी संघ (एएआई) के अध्यक्ष बी.वी.पी.राव ने देश की सर्वोच्च अदालत द्वारा पद पर बने रहने के लिए कहने के बाद भी अपने पद से इस्तीफा देने का फैसला किया है।
नई दिल्ली, 1 मई (आईएएनएस)। भारतीय तीरंदाजी संघ (एएआई) के अध्यक्ष बी.वी.पी.राव ने देश की सर्वोच्च अदालत द्वारा पद पर बने रहने के लिए कहने के बाद भी अपने पद से इस्तीफा देने का फैसला किया है।
राव ने इस्तीफा देने का फैसला दिल्ली उच्च न्यायालय की तरफ से नियुक्त प्रशासक एस. वाई. कुरैशी द्वारा संघ के संविधान में किए बदलावों को सर्वोच्च अदालत द्वारा नकारने के बाद दिया है।
सर्वोच्च अदालत ने प्रशासक को भी उसकी जिम्मेदारियों से मुक्त कर दिया है और जिस तरह उन्होंने संघ के चुनाव कराए थे, उनको लेकर कई तरह की आपत्तियां जाहिर की हैं।
राव ने आईएएनएस से कहा कि वह अपनी मर्जी से इस्तीफा दे रहे हैं।
उन्होंने कहा, “संविधान को रद्द करने के साथ ही सर्वोच्च न्यायालय ने सभी मौजूदा अधिकारियों से प्रशासकों की समिति के तौर पर काम करने और एएआई की प्रतिदिन की गतिविधियों को देखने को कहा है।”
पूर्व आईएएस अधिकारी ने कहा, “मैंने इस बात पर भी फैसला नहीं किया है कि जब नए चुनाव कराए जाएंगे तब मैं दोबारा चुनाव लड़ूंगा या नहीं।”
नए संविधान को रद्द करते हुए ए.एम. खानविलकर और अजय रस्तोगी की दो सदस्यीय पीठ ने कहा है कि प्रशासक से सिर्फ राष्ट्रीय खेल नियम के तहत काम करने को कहा गया था, लेकिन उन्होंने संविधान में कई बदलाव किए थे।
पीठ ने कहा, “हम यह बताना चाहते हैं कि एएआई के संविधान में सिर्फ चार बदलाव ही किए जा सकते हैं, जो कि चार दिसंबर 2017 को अदालत के आदेश के मुताबिक हैं। इन सुधारों को अदालत का आदेश मानते हुए हम इसे अपनाते हैं। बाकी के बदलावों को रद्द करते हैं।”
उन्होंने कहा, “हम इस बात को भी साफ कर देना चाहते हैं कि प्रशासक द्वारा लिए गए फैसले चाहे वो 22 दिसंबर को कराए गए चुनाव हों, हम उन्हें रद्द करते हैं।”
पीठ ने कहा, “प्रशासक के पास वो अधिकार नहीं थे कि वह अदालत द्वारा सुझाए गए बदलावों के अलावा कोई और बदलाव कर सके। प्रशासक कोर्ट के चार दिसंबर, 2017 के आदेश के मुताबिक चुनाव कराने को लेकर स्वतंत्र था। इससे ज्यादा या कम कुछ नहीं।”
राव की अध्यक्षता वाली एएआई के अस्तित्व को नकारने वाले भारतीय ओलम्पिक संघ ने सर्वोच्च अदालत के फैसले का स्वागत किया है।
आईओए ने एक बयान में कहा, “यह आईओए और एएआई की जीत है। सर्वोच्च अदालत ने कुरैशी द्वारा बनाए गए संविधान को रद्द कर दिया। आईओए और खेल मंत्रालय ने इस संविधान पर और इसके मुताबिक कराए गए चुनाव पर आपत्ति जताई थी।”
उन्होंने कहा, “आईओए पूरी तरह से पारदर्शी है लेकिन संघ की स्वयत्तता को भी बचाना जरूरी है।”