न्यूयार्क, 21 फरवरी (आईएएनएस)। जीवाणु संक्रमण से लड़ने वाली शक्तिशाली एंटीबायोटिक दवाओं का उपयोग मानसिक भ्रम की स्थिति का कारण बन सकता है।
अमेरिका के शोधार्थियों ने एक नए शोध में पाया है कि एंटीबायोटिक दवाएं मस्तिष्क क्रियातंत्र में एक गंभीर व्यवधान का कारण बन सकती हैं, जिसे डिलीरियम कहते हैं। डिलीरियम से व्यक्ति में भ्रम, मतिभ्रम और चिंता जैसे विकार विकसित होते हैं।
अमेरिका के बोस्टन स्थित ब्रिघम एंड वूमेन हॉस्पिटल से इस अध्ययन के लेखक शमीक भट्टाचार्य ने बताया, “जो लोग डिलीरियम रोग से ग्रसित होते हैं, उन्हें कई अन्य जटिलताओं का सामना भी करना पड़ता है।”
इस शोध में 12 श्रेणियों की 54 ऐसी एंटीबायोटिक दवाएं शामिल हैं, जो सामान्य तौर पर इस्तेमाल की जाती हैं। जैसे सल्फोनामाइड सिप्रोफ्लोक्सासिन, सेफेपिमी और पेंसिलीन।
शोधकर्ताओं ने विस्तार से बताया कि अध्ययन में शामिल 47 प्रतिशत रोगियों में भ्रम या मतिभ्रम, 14 प्रतिशत रोगियों को सीजर्स, 15 प्रतिशत रोगियों को मांसपेशी संबंधी परेशानी और पांच प्रतिशत रोगियों में शरीरिक गतिविधि नियंत्रण नुकसान पाया गया।
उन्होंने कहा कि इसके अतिरिक्त 70 प्रतिशत रोगियों में ईईजी परीक्षण भी असामान्य पाया गया।
शोधार्थियों ने बताया कि रोगियों में यह लक्षण एंटीबायोटिक का सेवन बंद कर देने के बाद भी लंबे समय तक रहते हैं।
यह शोध पत्रिका ‘न्यूरोलॉजी’ में प्रकाशित किया गया है।