सूत्र बताते हैं कि जिस वक्त युवती को जेल में लाया गया था, उस वक्त हुई मेडिकल रिपोर्ट में उसके गर्भवती होने की कोई बात नहीं थी। लेकिन अब युवती के गर्भवती होने की बात सामने आने पर जेल प्रशासन युवती को गर्भ गिराने के लिए दबाव बना रहा है।
जिला कारागार में युवती वर्ष 2015 में नवंबर माह में हत्या के एक मामले में लाई गई थी। जेल में कुल 80 महिलाएं विभिन्न अपराधों में बंदी हैं।
चिकित्सकीय टीम द्वारा हर सप्ताह सभी का मेडिकल चेकअप किया जाता है। पिछले कुछ दिनों से यह युवती मेडिकल कराने से इनकार कर रही थी तो महिला डाक्टरों को शक हुआ कि कहीं यह गर्भवती तो नहीं हो गई। सूचना सीनियर डाक्टरों को दी गई। इसके बाद वही हुआ जिसका शक था।
युवती को जिला महिला अस्पताल भेजा गया, जहां मेडिकल जांच में वह आठ माह की गर्भवती पाई गई। इस घटना से जेल अधिकारियों और जिला प्रशासन के होश उड़ गए हैं।
सूत्रों की मानें तो जेल प्रशासन युवती को गर्भ गिराने के लिए दबाव भी बना रहा है। अब सवाल यह उठता है कि जेल मंे आखिर वह गर्भवती कैसे हो गई? इस घटना से जेल प्रशासन पर कार्रवाई हो सकती है।
जेल अधीक्षक शैलेंद्र मैत्रेय का कहना है कि सीनियर डॉक्टर ने शक के आधार पर युवती को मेडिकल जांच के लिए रेफर किया था। जांच में युवती के गर्भवती होने की पुष्टि हुई है। गर्भ कितने माह का है, इसकी रिपोर्ट कोर्ट को सौंपी जाएगी।