थाना कोतवाली के तिकुनिया निवासी छेदुई पल्लेदार का पुत्र जुमराती 10 वर्ष की आयु मे घर से गायब हो गया था। गायब हुए पुत्र के माता-पिता वियोग में परेशान रहने लगे, लेकिन पुत्र नहीं आया। इस बीच दो साल और बीच गए और बेटे के इंजतार में पिता स्वर्ग सिधार गए। वहीं पहले बेटे और फिर पति के वियोग में मां बीमार जैतुना बीमार हो गई। लेकिन बेटे के मिलने की उम्मीद ने से जिंदा रखा। एक-एक कर के 15 साल बीते गए और उनकी उम्मीद हकीकत में उस वक्त तब्दील हो गई जब जुमराती की चाची सलिला राजस्थान घूमने पहुंची। वहां घूमते समय अनासागर के पास 25 वर्षीय युवक ने सलीला को देखकर पहचान लिया और अपने परिवार के बारे में पूछने लगा।
परिवार का जिक्र हाने पर चाची ने भी जुमराती को पहचान लिया। जुमराती ने बताया कि वह यहा कैसे आया, उसे याद नहीं। लेकिन अपने को जिंदा रखने के लिए वह मजदूरी करता है और होटल में खाना खाने के बाद फुटपाथ पर रात गुजार देता है। बेटे के मिलने की खबर पाकर बीमार मां और भाई बहनों में एक नई ऊर्जा आ गई है।
15 साल से बेटे का इंतजार कर रही बूढ़ी मां को अब अपने लाड़ले से मिलने के लिए कुछ पलों का इंतजार भी सदियों जैसा लग रहा है। उधर, बेटे की घर वापसी की खबर से घर ही नहीं पूर गांव में खुशी का माहौल है।