लखनऊ, 3 अगस्त (आईएएनएस)। इलाहाबाद उच्च न्यायालय की लखनऊ पीठ ने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को उत्तेजक भाषण देने के मामले में सोमवार को राहत दे दी। केजरीवाल ने 2014 के लोकसभा चुनाव के दौरान मेरठ में कथित तौर पर उत्तेजक भाषण दिया था।
अमेठी स्थित मुसाफिर खाना अदालत ने केजरीवाल के खिलाफ जमानती वारंट जारी किया था। इस फैसले के खिलाफ केजरीवाल ने हाइकोर्ट का दरवाजा खटखटाया था।
उच्च न्यायालय की लखनऊ खंडपीठ ने सोमवार को इस मामले की सुनवाई करते हुए अमेठी की न्यायिक मजिस्ट्रेट की ओर से जारी जमानती वारंट के अमल पर तीन सप्ताह तक के लिए रोक लगा दी है।
न्यायामूर्ति महेंद्र दयाल ने यह आदेश केजरीवाल की तरफ से दायर एक याचिका पर दिया। इस याचिका में 20 जुलाई को निचली अदालत से जारी जमानती वारंट समेत पूरे मुकदमे की कार्यवाही रद्द किए जाने की मांग की गई थी।
केजरीवाल के वकील महमूद आलम ने अदालत में अपना पक्ष रखते हुए कहा कि मई 2014 में लोकसभा चुनाव के दौरान केजरीवाल ने अमेठी के औरंगाबाद गांव में आम आदमी पार्टी (आप) प्रत्याशी कुमार विश्वास के पक्ष में चुनावी जनसभा में जो भाषण दिया, उससे कोई अपराध नहीं बनता, क्योंकि यह ‘अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता’ के दायरे में आता है।
उल्लेखनीय है कि पिछले साल हुए लोकसभा चुनाव के दौरान अमेठी में दिए गए कथित उत्तेजक भाषण को लेकर वहां दर्ज हुए मामले में वारंट जारी होने के बाद दिल्ली के मुख्यमंत्री और के नेता अरविंद केजरीवाल ने इलाहाबाद उच्च न्यायालय की शरण ली थी।