जिगनी गांव की रहने वाली नसीर की 32 वर्षीय पत्नी रहमतुन सुरक्षित प्रसव के लिए सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र आई, लेकिन यहां उसे ताला लटकता मिला। परिजन समूचे अस्पताल में भटकते रहे, लेकिन कोई उनकी मदद करने को राजी नहीं हुआ। दर्द से तड़पती महिला ने आखिरकार अस्पताल के बारामदे में ही एक सुंदर सी बच्ची को जन्म दिया। साथ आई महिलाओं ने अपने हुनर से सुरक्षित प्रसव करा लिया।
बाद में रहमतुन को एक प्राइवेट महिला चिकित्सक के यहां ले जाया गया, जहां उसे आवश्यक चिकित्सा उपलब्ध हुई। प्रसूता और उसके परिजन हड़ताल और हड़ताल और जिला प्रशासन को कोसते रहे।
बिंदकी सीएचसी में फार्मासिस्टों और किसान यूनियन के सदस्यों के बीच विवाद और मारपीट के बाद से हड़ताल चल रही है। वगैर किसी वाजिब वजह के प्रसवोत्तर केंद्र में भी तालाबंदी कर दी गई है, जिसका खामियाजा क्षेत्र की जनता को भुगतना पड़ रहा है।
गौरतलब है कि बिंदकी सीएचसी में हड़ताल के कारण पिछले दिनों नंदापुर के रमेश की मौत हो गई। अब तक हजारों मरीज वापस हो चुके हैं।