लखनऊ, 29 अक्टूबर (आईएएनएस)। उत्तर प्रदेश में मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने गुरुवार को अपने आठ मंत्रियों के बर्खास्त करने का प्रस्ताव राज्यपाल को दिया, जिसे उन्होंने मंजूर कर लिया। इसके अलावा अन्य नौ मंत्रियों से उनके विभाग छीन लिए गए। मुख्यमंत्री बुधवार को अचानक राज्यपाल से मिले थे। इसके बाद से मंत्रिमंडल में बड़े स्तर पर फेरबदल के कयास लगाए जा रहे थे।
राजभवन से जारी एक बयान के अनुसार, राज्यपाल राम नाईक ने गुरुवार को मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के प्रस्ताव पर राजा महेंद्र अरिदमन सिंह मंत्री स्टाम्प तथा न्याय शुल्क पंजीयन व नागरिक सुरक्षा, अम्बिका चौधरी मंत्री पिछड़ा वर्ग कल्याण एवं विकलांग कल्याण, शिव कुमार बेरिया मंत्री वस्त्र उद्योग एवं रेशम उद्योग, नारद राय मंत्री खादी एवं ग्रामोद्योग, शिवाकांत ओझा मंत्री प्राविधिक शिक्षा, आलोक कुमार शाक्य राज्यमंत्री प्राविधिक शिक्षा, योगेश प्रताप सिंह ‘योगेश भइया’ राज्यमंत्री बेसिक शिक्षा, भगवत शरण गंगवार राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम एवं निर्यात प्रोत्साहन विभाग को मंत्री पद से बर्खास्त कर दिया।
राज्यपाल ने पदमुक्त किए गए मंत्रियों के विभागों का अतिरिक्त कार्य प्रभार फिलहाल मुख्यमंत्री को सौंप दिया है।
इसके अलावा नाईक ने मुख्यमंत्री के दूसरे प्रस्ताव पर अहमद हसन मंत्री चिकित्सा एवं स्वास्थ्य परिवार कल्याण मातृ एवं शिशु कल्याण, अवधेश प्रसाद मंत्री समाज कल्याण अनुसूचित जाति एवं जनजाति कल्याण सैनिक कल्याण, पारसनाथ यादव मंत्री उद्यान खाद्य प्रसंस्करण, राम गोविंद चौधरी मंत्री बेसिक शिक्षा, दुर्गा प्रसाद यादव मंत्री परिवहन, ब्रह्म शंकर त्रिपाठी मंत्री होमगार्ड प्रांतीय रक्षक दल, रघुराज प्रताप सिंह राजा भइया मंत्री, खाद्य एवं रसद, इकलाब महमूद मंत्री मत्स्य सार्वजनिक उद्यम, महबूब अली मंत्री माध्यमिक शिक्षा को हटाकर उनके विभागों का कार्य मुख्यमंत्री अखिलेश को अतिरिक्त प्रभार के रूप में सौंप दिया है।
राज्यपाल राम नाईक नए मंत्रियों को 31 अक्टूबर को राजभवन में होने वाले एक समारोह में पद एवं गोपनीयता की शपथ दिलाएंगे।