डाला चढ़ाई इलाके में किराये के मकान में रह रहे सैयद इसहाक अहमद ने खुद को विजिलेंस टीम का अधिकारी बताकर स्थानीय निवासी देवनाथ चंद्रवंशी से बिल में सुधार के नाम पर साढ़े सात सौ रुपये ठग लिए। कौशल चंद्रवंशी व दीपक चंद्रवंशी से एक-एक हजार रुपये बिजली विभाग में संविदा कर्मी के रूप में नौकरी दिलाने का झांसा देकर ठगा। वहीं रामेश्वर माली से चार सौ रुपये लेकर उनकी पत्नी के नाम नया कनेक्शन देने का झांसा दिया। इसी तरह सेवा सदन निवासी एक व्यक्ति से तीन हजार रुपये लेकर उनका बिल सुधरवाने का झांसा दिया।
इसहाक ने बिजली उपभोक्ताओं से कहा था कि ग्रामीण क्षेत्र के लिए बिजली सप्लाई डाला सब स्टेशन से होती है, जबकि यहां के उपभोक्ताओं को शहरी क्षेत्र का कनेक्शन देकर ज्यादा रकम का बिल भेजा जा रहा है।
उसने कहा था कि इन्हीं तमाम गड़बड़ियों की जांच के लिए विजिलेंस टीम ने उसे जिम्मेदारी दी है। उसने उपभोक्ताओं को छह माह के अंदर सब ठीक हो जाने का आश्वासन दिया। उसने कहा कि यहां के सभी कनेक्शन ग्रामीण क्षेत्र से जुड़ जाएंगे।
फर्जी अधिकारी ने अपना मोबाइल नंबर 8601551723 बताया था और अपना पता ओबरा निवासी के रूप में और वर्षो पहले डाला के एस.एफ. कालोनी में रहने वाले इकबाल मोहम्मद का चचेरा भाई होने की पहचान लोगों से बताई थी। उसकी बात को सही मानते हुए उपभोक्ता झांसे में आ गए।
विद्युत विभाग के अवर अभियंता अनिल शुक्ला ने बताया कि सैयद इसहाक अहमद नाम का कोई विभागीय कर्मी नहीं है।
ठगी के शिकार लोग अब उसके मोबाइल पर फोन लगा रहे हैं तो वह बंद है। करीब पांच दिनों से क्षेत्र में उसका पता नहीं चल रहा है।