लखनऊ- उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मंगलवार को यहां कहा कि वाणिज्य कर विभाग व्यापारियों का मित्र और मददगार बने, और उनका उत्पीड़क न बने। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ यहां अपने आवास पर विभाग के जोनल एडिशनल कमिश्नरों की समीक्षा बैठक कर रहे थे। उन्होंने कहा कि “आम व्यापारी टैक्स देने से नहीं उत्पीड़न से डरता है। अपने कार्य-व्यवहार से यही डर आपको खत्म करना है। रिटर्न भरने और रिफंड की प्रक्रिया को सरल बनाएं। इसके लिए व्यापारियों को प्रशिक्षण दें।”
उन्होंने कहा, “व्यापारियों में जागरूकता अभियान चलाए। उनको बताएं कि कर का जो पैसा आप ग्राहक से ले रहे हैं, उसे पाना सरकार का हक और देना आपका फर्ज है। इसका प्रयोग विकास के कार्यों में होता है।”
योगी ने कहा कि 10 लाख रुपये की बीमा सुरक्षा और भविष्य में लागू होने वाली पेंशन योजना के बारे में बताएंगे तो पंजीकरण की संख्या जरूर बढ़ेगी।
मुख्यमंत्री ने कहा, “फाइलें किसी हाल में न रोकें। फील्ड में अच्छे अफसरों की तैनाती करें। जो तैनात हैं उनके कार्यों की नियमित निगरानी करें। काम अगर असंतोषजनक है तो उनको फील्ड से वापस बुला लें। ऐसा करने से आपका पंजीकरण और राजस्व की प्राप्ति तो बढ़ेगी, व्यापारियों में भी विभाग के बारे में अच्छा संदेश जाएगा।”
मुख्यमंत्री योगी ने सिर्फ 14 लाख व्यापारियों के पंजीकरण पर असंतोष जताया। उन्होंने कहा कि यह संख्या कम से कम 25 लाख की होनी चाहिए। अगले वर्ष कर का लक्ष्य 77 हजार लाख रुपये से बढ़ाकर एक लाख करोड़ रुपये करने का भी उन्होंने निर्देश दिया।
योगी ने पान मसाला और लोहे के कारोबार में हो रही चोरी पर प्रभावी तरीके से अंकुश लगाने, प्रदेश और नेपाल की सीमा पर खास तौर पर ध्यान देने का निर्देश दिया।