लखनऊ , 6 अगस्त (आईएएनएस)। उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में अब मेट्रो के संचालन में धन की कमी आड़े नहीं आएगी। लखनऊ मेट्रो परियोजना को पब्लिक इन्वेस्टमेंट बोर्ड (पीआईबी) की मंजूरी मिल गई है। पीआईबी की बैठक गुरुवार को दिल्ली में सम्पन्न हुई, जिसमें उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव आलोक रंजन शामिल हुए।
आलोक रंजन ने बताया कि पीआईबी से मंजूरी मिलने के बाद अब आगे की प्रक्रिया में केंद्र सरकार कैबिनेट से इस प्रोजेक्ट को पास कराएगी। इसके बाद विदेशी एजेंसियों की फंडिंग आसान हो जाएगी। फिर प्रोजेक्ट में कोई बाधा नहीं आएगी।
उन्होंने बताया कि केंद्र सरकार लखनऊ मेट्रो को 1300 करोड़ रुपये देगी और यूपी सरकार 3900 करोड़ लखनऊ मेट्रो में खर्च करेगी। राज्य सरकार 3500 करोड़ रुपये का लोन भी ले सकेगी।
दरअसल, मेट्रो को पीआईबी की मंजूरी की इसलिए ज्यादा जरूरत है, क्योंकि मेट्रो के कई प्रोजेक्ट ऐसे हैं, जिनकी फंडिंग विदेशी एजेंसियां कर रही हैं। विदेशी एजेंसियां तभी इन टेंडर्स को हरी झंडी दिखाएंगी, जब पीआईबी की मंजूरी मेट्रो को मिल जाएगी। पीआईबी की मंजूरी मिलने के बाद अब फंडिंग का रास्ता साफ हो गया है।
उल्लेखनीय है कि लखनऊ मेट्रो का पहला फेज करीब 6 किलोमीटर का है, जो आलमबाग से लेकर चारबाग तक है। पहले फेज में मेट्रो इसी रूट पर चलनी है, जिसमें पूरे रूट में करीब आठ स्टेशन बनाए जाएंगे। स्टेशनों को बनाने का काम भी शुरू हो गया है।