चमन ने बताया कि मोर्चा ने जिलाधिकारी को दिए गए ज्ञापन में कहा है कि वर्ष 2014-15 व 2015-16 में मौदहा बांध में शासन और प्रशासन जरिये निर्गत पूल धनराशि और व्यय मदों की तकनीकी जांच से घोटाले का खुलासा हो जाएगा।
इतना ही नहीं, इसी अवधि में बुंदेलखंड पैकेज में आई करोड़ों की धनराशि व व्यय मदों का स्टीमेट तथा एमबी कर्ताओं के नामितों के कार्यों की जांच के साथ ही इसी अवधि में पौधरोपण के तहत कुल व्यय धनराशि व व्ययकर्ताओं के नामों समेत वृक्षों की कीमत और खरीदे गए फर्मों को भुगतान की गई धनराशि की भी जांच होनी चाहिए।
चमन ने बताया कि वर्ष 2014-15 व 2015-16 में पौधरोपण, बुंदेलखंड पैकेज में नामित प्रमुख विभागीय अधिकारी, कर्मचारी व ठेकेदारों के कार्यों की जांच के साथ-साथ इसी अवधि के बुंदेलखंड पैकेज के जरिये कराए गए नहरों के पक्के निर्माण कार्यों की भी उच्चस्तरीय जांच कराई जाए।
उन्होंने कहा कि सारे मदों में शासन से निर्गत धनराशि को मौदहा बांध हमीरपुर के कार्यपालन अभियंता, उनके चंद सहायक अभियंता व कई अवर अभियंता होने के बावजूद सिर्फ एक अवर अभियंता के जरिये बड़े पैमाने पर अवैधानिक रूप से घोटाला किया गया है, जिसका पदार्फाश उच्चस्तरीय जांच से ही संभव है।