लखनऊ/बलिया, 30 अप्रैल (आईएएनएस)। उत्तर प्रदेश के बलिया जिले में तैनात बेसिक शिक्षा अधिकारी (बीएसए) राकेश कुमार सिंह पर भ्रष्टाचार के आरोप लगे हैं। आरोप है कि उन्होंने एक कैबिनेट मंत्री की शह पर अपने पद का दुरुपयोग करते हुए अपने सगे संबंधियों की नियुक्तियां की हैं।
लखनऊ/बलिया, 30 अप्रैल (आईएएनएस)। उत्तर प्रदेश के बलिया जिले में तैनात बेसिक शिक्षा अधिकारी (बीएसए) राकेश कुमार सिंह पर भ्रष्टाचार के आरोप लगे हैं। आरोप है कि उन्होंने एक कैबिनेट मंत्री की शह पर अपने पद का दुरुपयोग करते हुए अपने सगे संबंधियों की नियुक्तियां की हैं।
इससे पहले बलिया जिला पंचायत की बैठक में भी उनपर भ्रष्टाचार के आरोप लग चुके हैं।
बलिया के बीएसए राकेश सिंह ने अपने कथिततौर पर अपने पद का गलत इस्तेमाल करते हुए अपने सालों और दो चचेरे भाइयों को सहायक अध्यापक के पद पर नियुक्ति की है।
बलिया के रसड़ा निवासी वंशगोपाल सिंह व गोपाल सिंह ने बीएसए के खिलाफ लिखित शिकायत की है। दोनों शिकायतकर्ताओं ने आजमगढ़ के सहायक निदेशक (बेसिक शिक्षा) से शिकायत की है।
उन्होंने आरोप लगाया है कि राकेश सिंह ने अपने पद का गलत इस्तेमाल करते हुए प्रबंधक को मिलाकर यह फर्जी नियुक्तियां करवाई हैं। अपने सालों की नियुक्ति उन्होंने जिले के गौरीशंकर पूर्व माध्यमिक विद्यालय में करवाया है।
शिकायतकर्ताओं ने बताया, “बीएसए ने अपने दोनों सालों हरिओम सिंह व दीपक सिंह की नियुक्ति की है। इसी तरह की कई अनियमितताएं बेसिक शिक्षा अधिकारी द्वारा अन्य विद्यालयों में भी की गई हैं। इसकी जांच के लिए वरिष्ठ अधिकारियों से कहा गया, लेकिन उनके रसूख के आगे किसी की नहीं चलती।”
शिकायर्ताओं की मानें तो बीएसए ने अपने दोनों सालों के अलावा दोनों चचेरे भाइयों की नियुक्ति भी करवाई है। ये भी गलत तरीके से हुआ है।
रोचक बात यह है कि बलिया के बीएसए राकेश सिंह पर हाल ही में उनके भ्रष्ट आचरण को लेकर जिला पंचायत की बैठक में निंदा प्रस्ताव भी पारित हुआ था। जिला पंचायत सदस्यों ने भी लिखित तौर पर यह आरोप लगाया है कि बीएसए कभी भी जिला योजना की बैठक में शामिल होने नहीं आते। कई बार शहर में रहने के बावजूद वह अहम बैठकों में हिस्सा नहीं लेते।
इन सब आरोपों के बीच बीएसए राकेश सिंह ने आईएएनएस से बातचीत में अपनी सफाई दी। उन्होंने कहा कि बलिया शिक्षा माफियाओं का गढ़ है। इस तरह का आरोप लगना कोई नई बात नहीं है।
जिला पंचायत की बैठक में पारित हुए निंदा प्रस्ताव के बारे में राकेश ने कहा कि जिस बैठक की बात की जा रही है, उस दिन वह शहर में नहीं थे, इसलिए उस बैठक में शामिल न हो पाए।
बीएसए से जब यह पूछा गया कि क्या उन्होंने अपने पद का गलत इस्तेमाल करते हुए अपने सगे-संबंधियों की नियुक्ति की है तो उन्होंने कहा, “ऐसा कहीं नहीं लिखा है कि मैं अपने सगे-संबंधियों की नियुक्ति नहीं कर सकता। यदि प्रक्रिया सही है और वे योग्य हैं तो नियुक्ति हो सकती है। जिनको लेकर मेरे ऊपर आरोप लगाए जा रहे हैं, उनका मुझसे कोई लेना-देना नहीं है।”