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 उप्र : बाल श्रम कानून बन रहा मखौल | dharmpath.com

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उप्र : बाल श्रम कानून बन रहा मखौल

December 14, 2015 7:30 pm by: Category: भारत Comments Off on उप्र : बाल श्रम कानून बन रहा मखौल A+ / A-

Sultanpurयहां जिम्मेदारों की आंखों के सामने दुकानदार, व्यवसायी, होटल, ढाबे व ईंट भट्ठों के मालिक सहित तमाम लोग बाल श्रम की धज्जियां उड़ा रहे हैं। फिर भी इस अपराध को रोकने के लिए जिले में तैनात किए गए बड़े-बड़े अधिकारी सरकार से एक मोटी रकम लेने के बाद भी न तो इसे रोक पा रहे हैं और न ही इसमंे कमी ला पा रहे हैं।

हाल यह है कि दुनिया में 21 करोड़ 50 लाख बाल मजदूरों में लगभग 1 करोड़ 12 लाख भारत में ही है। यही नहीं, देश में लगभग अरबों का कालाधन बाल मजदूरी के माध्यम से बनाया जाता है। इसके फायदों को देखते हुए बड़े-बड़े लोग इस धंधे में कूद चुके हैं।

इन बच्चों से 18-18 घंटों तक काम लेकर इनका न सिर्फ शोषण किया जा रहा है, बल्कि इनकी भोली मानसिकता से जहर घोलने का प्रयास भी किया जा रहा है। जिस देश में देश का हर ग्यारहवां बच्चा बाल श्रम मजदूरी का शिकार हो, उस देश में देश के राज्यों में और राज्यों के जिलों में बाल श्रम कानून के प्रति केंद्र सरकार, राज्य सरकारों सहित जिला प्रशासन के गंभीरता का अनुमान भी सहज ही लगाया जा सकता है।

जब जिले के आला अधिकारी जनहित से जुड़ी ऐसी छोटी-छोटी वारदातों को रोक पाने में नाकाम साबित हो रहे हैं, तब सरकार द्वारा ऐसे अधिकारियों व कर्मचारियों पर लाखों रुपये बर्बाद करने का क्या मतलब?

प्रदेश के लिए भी यह कितने शर्म की बात है कि प्रदेश का हर पांचवां बच्चा बाल मजदूरी का शिकार है। सबसे चौंकाने वाली बात तो यही है कि हमारे देश के बाल मजदूरों में 50 प्रतिशत लड़कियों के शामिल होने की बात बताई जा रही है। लेकिन जब हमारे जिले में ही इस मामले को लेकर कानून को खुलेआम चिढ़ाया जा रहा है तो राज्यों और देश का क्या हाल होगा, इसका सहज ही अनुमान लगाया जा सकता है।

शहर के सिविल लाइन इलाके में एक प्रतिष्ठित मॉल है, जिसके सामने से सुबह होते ही जिले के आला अधिकारी अपने आफिस के लिए गुजरते हैं। यहां का प्रतिष्ठित मॉल ‘बी मार्ट’ अधिकारियों की नाक के नीचे खुलेआम बाल श्रम कानून का उल्लंघन करता रहता है।

एक बच्चा जिसकी उम्र लगभग 10 वर्ष है, उसे मिक्की माउस का लाबादा पहनाकर ग्राहकों को आकर्षित करने के लिए मार्ट के सामने पेश किया जाता है। इतना ही नहीं, इसके सामने ही यातायात पुलिस की चौकी भी मौजूद है, लेकिन किसी को यह सब दिखाई नहीं पड़ता!

इस संबंध में जब जिलाधिकारी एस.राजलिंगम से बात की गई तो उन्होंने सख्ती से कानून का पालन कराने और मॉल के खिलाफ कार्रवाई करने की बात कही।

उप्र : बाल श्रम कानून बन रहा मखौल Reviewed by on . यहां जिम्मेदारों की आंखों के सामने दुकानदार, व्यवसायी, होटल, ढाबे व ईंट भट्ठों के मालिक सहित तमाम लोग बाल श्रम की धज्जियां उड़ा रहे हैं। फिर भी इस अपराध को रोकन यहां जिम्मेदारों की आंखों के सामने दुकानदार, व्यवसायी, होटल, ढाबे व ईंट भट्ठों के मालिक सहित तमाम लोग बाल श्रम की धज्जियां उड़ा रहे हैं। फिर भी इस अपराध को रोकन Rating: 0
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