लखनऊ , 12 जुलाई (आईएएनएस)। सावन का माह आते ही भगवान शिव की ओर ध्यान अपने आप आकर्षित होने लगता है। परिधान की भी रंगत बदलने लगती है। इस बार सावन ने बाजारों में परिधानों को नए ट्रेंड में बदल दिया है और रंग से ज्यादा सिंबल प्रिंट ज्यादा चलन में है।
सावन में शिव को फोकस करने वाली टी-शर्ट की विशाल रेंज पेश की गई है। मजे की बात तो यह कि भले ही शास्त्रों के अनुसार सावन महीने में जनसामान्य के लिए काले रंग के वस्त्र धारण करने की मनाही है, सबसे अधिक टी-शर्ट काले रंग में ही हैं। हरे और केसरिया रंग के परिधानों का तो दूर-दूर तक नामोनिशान ही नहीं है।
कपड़ा विक्रेता अशोक मोतियानी ने बताया, “सावन को लेकर महिलाओं की तैयारियां कुछ खास होती हैं। बेशक हरे और केसरिया रंग को फोकस करके ड्रेस तैयार की गई हैं, लेकिन इस बार बाजार की डिमांड को ध्यान में रखते हुए सावन में दूसरे गहरे रंगों पर भी मैंने फोकस किया है। सबसे ज्यादा शिव के तांडव, डमरू और कुछ लिखा हुआ लोग ज्यादा मांग रहे हैं।”
लखनऊ के ड्रेस डिजाइनर अमन ग्रोवर ने बताया, “काले रंग वाली अधिकतर टी-शर्ट में भगवान शिव की मुखाकृति नीले या सफेद रंग से बनाई गई है। इनमें से कुछ पर केसरिया रंग से महादेव लिख कर और त्रिशूल बना कर केसरिया टच जरूर दिया गया है। स्लेटी, नीली और नेवी ब्लू रंग की अधिकतर टी-शर्ट पर स्लोगन लिखा है, ‘काल उसका क्या बिगाड़े जो भक्त हो महाकाल का’ इस वाक्य में काल शब्द में लगी आ की मात्रा को केसरिया रंग से त्रिशूल के रूप में दर्शाया गया है। वहीं महाकाल शब्द को केसरिया रंग से लिखा गया है।”
कपड़ा विक्रेता शाहनवाज ने बताया, “ऑनलाइन कपड़े बेचने वाले दो दर्जन से अधिक कारोबारियों को टी-शर्ट और लेडीज सूट सप्लाई करता हूं। पिछले सालों की तुलना में इस बार हरे और केसरिया रंग की टी-शर्ट के ऑर्डर कम मिले हैं। छोटे कारोबारियों में इन रंगों की डिमांड है लेकिन लोग सिंबल और मूर्तियों के प्रिंट को ज्यादा पसंद कर रहे हैं।”
टी-शर्ट और शर्ट के थोक विक्रेता रमेश अग्रहरि ने कहा, “ऑनलाइन फैशन के कारण हमारे सावन के बने और प्रिंट की हुई चीजें इस बार कम बिक रही हैं। लोग भोलेनाथ की तस्वीर और उनके डमरू और मंत्र छपी हुई चीजें ही मांग रहे हैं। ऑनलाइन बजार ने हमें इस ओर मुड़ने का इशारा कर दिया है। चीजें मंगाई जा रही हैं, जिससे ग्राहक परेशान न हों।”