दरअसल, पीड़ित परिवारों की शिकायत पर समाजवादी पार्टी (सपा) के जिलाध्यक्ष आशीष यादव जब पोस्टमार्टम हाउस पहुंचे तो पता चला कि घंटों से किसी शव का पोस्टमार्टम नहीं किया गया था।
उन्होंने इस संबंध में जब जिलाधिकारी से बात की तो उन्होंने तत्काल सीएमओ को मामले की जांच कर दोनों चिकित्सकों को निलंबित करने का निर्देश दिया। साथ ही दूसरे चिकित्सकों को पोस्टमार्टम हाउस भेजकर शवों का पोस्टमार्टम कराया गया।
सीएमओ निर्देश पर पड़री पीएचसी के चिकित्सक डॉ. सत्येंद्र की पोस्टमार्टम ड्यूटी लगाई गई थी। आरोप है कि डॉ. सत्येंद्र पोस्टमार्टम हाउस न पहुंचकर कहीं कहीं चले गए थे और इस दौरान उन्होंने अपना मोबाइल फोन स्विचऑफ रखा था। जब घंटों बाद तक शव का पोस्टमार्टम नहीं हो पाया तब पीड़ितों ने इसकी शिकायत सपा के जिलाध्यक्ष आशीष यादव से की। वे तत्काल सपा नेता दीपू तिवारी व प्रवक्ता स्वामी शरण दुबे के साथ पोस्टमार्टम हाउस पर पहुंचे तो चिकित्सक गायब थे।