लखनऊ , 6 मई (आईएएनएस)। उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में स्थित विश्व संवाद केन्द्र में आयोजित देवर्षि नारद जंयती एवं पत्रकार सम्मान समारोह में लखनऊ के कुछ चुनिंदा पत्रकारों को सम्मानित किया गया।
कार्यक्रम में मुख्य वक्ता के तौर पर मौजूद ‘सामना’ के कार्यकारी सम्पादक प्रेम शुक्ला ने कहा कि मीडिया अपनी राह से भटक गया है, इसीलिए समय रहते ही पत्रकारों को सामाजिक दायित्वों को ध्यान में रखकर ही आगे बढ़ना होगा।
प्रेम शुक्ला ने वर्तमान पत्रकारिता पर प्रहार करते हुए कहा कि आज देश में कोई भी पत्रकारिता संस्थान नहीं है जो राष्ट्रभाव को सवरेपरि मानकर कार्य करता हो। आज की पत्रकारिता में राष्ट्रबोध नहीं है। किसी भी देश व समाज की उन्नति के लिए राष्ट्रभाव का होना जरूरी है। आज पत्रकारों को सम्पादक का दबाव या प्रलोभन को छोड़कर सत्य को उद्घघाटित करने की जरूरत है।
शुक्ल ने राष्ट्रहित में पत्रकारिता करने के लिए पत्रकारों को सभी प्रकार के आवश्यक संसाधन मुहैया कराने की वकालत भी की। इसके साथ ही कहा कि पत्रकारिता चौथा स्तम्भ नहीं बल्कि लोकतंत्र के तीनों स्तम्भों की आत्मा है।
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि व पूर्व डीजीपी बृजलाल ने कहा कि आज नौकरशाही में सबसे अधिक गिरावट आई है। अस्सी के दशक में गिने चुने भ्रष्ट अधिकारी थे जबकि आज गिने चुने ईमानदार अधिकारी है। इस गिरावट से पत्रकारिता भी अछूती नहीं है। उन्होंने कहा कि पत्रकार अपनी मर्यादा का पालन करे।
कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए वरिष्ठ स्तम्भकार व पूर्व राज्यसभा सांसद राजनाथ सिंह सूर्य ने कहा कि आजादी के पहले पत्रकारिता एक मिशन थी, जबकि आज की पत्रकारिता मिशन की जगह व्यावसायिक हो गई है। इन्हीं के कारण आज पत्रकारिता पर भी उंगली उठने लगी है। हमने अपने मापदण्ड को पीछे छोड़ दिया। उन्होंने कहा कि जीवन मूल्यों के आधार पर पत्रकारिता होनी चाहिए।
उल्लेखनीय है कि इस अवसर पर वरिष्ठ पत्रकार शलभ मणि त्रिपाठी को उत्कृष्ठ पत्रकारिता सम्मान से सम्मानित किया गया। इनके अलावा विश्वजीत वनर्जी, राकेश शर्मा, रमेश चन्द्र अकेला तथा फोटोग्राफर अर्जून शाही को स्मृति चिह्न व अंगवस्त्रम देकर सम्मानित किया गया।