लखनऊ/उन्नाव, 14 जनवरी (आईएएनएस)। उत्तर प्रदेश के उन्नाव जिले में परियर घाट पर गंगा नदी में 100 से ज्यादा शव और उनके अवशेष मिलने का मामला तूल पकड़ता जा रहा है। बुधवार सुबह उन्नाव की जिलाधिकारी सौम्या अग्रवाल ने वरिष्ठ अधिकारियों के साथ मिलकर घटनास्थल का जायजा लिया। जिला प्रशासन की टीम डीएनए टेस्ट के लिए शवों से सैंपल ले रही है।
जिलाधिकारी सौम्या अग्रवाल ने बताया कि आधा दर्जन डॉक्टरों की टीम गंगा में मिले शवों का डीएनए टेस्ट के लिए सैंपलिंग कर रही है। टीम में सीएमओ गीता यादव भी शामिल हैं।
अग्रवाल ने बताया कि लगभग 30 शवों के सैंपल लिए जा चुके हैं। इसके जरिए यह पता चल पाएगा कि ये शव किस उम्र के हैं, इनमें कितनी महिला और पुरुष हैं। शवों के अंतिम संस्कार का मामला धार्मिक मसला है। इस पर स्थानीय लोगों से बातचीत करने के बाद ही कोई निर्णय लिया जाएगा।
उन्होंने मौके पर मौजूद अफसरों को फटकार लगाई और जांच के आदेश दिए। हालात को देखते हुए महामारी फैलने का खतरा देख उन्होंने शवों को हटाने के लिए सफाई कर्मियों को लगाने के आदेश दिए। टीम ने आनन-फानन शवों को हटाना शुरू कर दिया है।
जिलाधिकारी के पहुंचते ही गंगा प्रदूषण बोर्ड, एसडीएम, पुलिस अफसर हरकत में आ गए। शवों के सैम्पल लेकर जांच के बाद रीति-रिवाज से संस्कार करने के आदेश दिए गए। फिलहाल घाट के आसपास मिले शवों में कई तो पूरी तरह से सड़ चुके हैं।
भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष लक्ष्मीकांत वाजपेयी का कहना है कि बरामद सभी शवों का पोस्टमॉर्टम कराकर उनका सम्मानपूर्वक अंतिम संस्कार किया जाना चाहिए। वहीं, कुछ लोगों का मानना है कि हिंदू रीति-रिवाज के अनुसार इन शवों का दोबारा अंतिम संस्कार नहीं हो सकता है।
मामले की जानकारी पर भारी संख्या में गंगा प्रहरी व समाजसेवी संगठनों के पदाधिकारी मौके पर पहुंच गए। उन्होंने शवों को जेसीबी से दफनाएं जाने का विरोध शुरू कर दिया। पदाधिकारियों का आरोप था कि प्रशासन अपनी लापरवाही को दबाने की कोशिश में मनावता की सारे हदें पार करने में जुटा है। यह पूरी तहर से इंसानियत के खिलाफ है।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।