मामला बीघापुर थाना क्षेत्र का है इसकी रिपोर्ट मृतका के पिता केदारनाथ शर्मा ने 11 अगस्त 2009 को दर्ज कराया था। वादी ने बताया कि उसकी बेटी स्थानीय महिला डिग्री कालेज की छात्रा थी। गांव का अनंत कुमार उर्फ आनंद का उसके घर आना जाना था। घटना के दिन सुबह छात्रा घर से बीघापुर कुछ सामान लेने जा रही थी, उसी समय अनंत कुमार आया और अपने साथ ले गया। दोनों बीघापुर न पहुंचकर कानपुर चले गए, दूसरे दिन फोन आया कि बेटी मृत अवस्था में हैलट अस्पताल में है।
डाक्टरी परीक्षण से पता चला कि उसके पेट में बच्चा जो अभियुक्त अनंत कुमार का था, उसी का गर्भपात कराने के लिए वह उसे कानपुर ले गया, जहां जहरीली दवा खिलाकर उसकी हत्या कर दी।
मामले की सुनवाई करते हुए अपर सत्र न्यायाधीश नवम न्यायाधीश रिजवानुल हक ने अभियुक्त को 10 वर्ष कारावास और पांच हजार रुपये जुर्माने की सजा सुनाई।