लखनऊ, 16 अप्रैल (आईएएनएस)। उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ के जिलाधिकारी राजशेखर ने कॉल ड्राप और कमजोर कनेक्टिविटी को लेकर सभी मोबाइल सेवा प्रदाता कंपनियों को फटकार लगाई और इस समस्या को दूर करने की चेतावनी दी।
जिलाधिकारी ने शुक्रवार को मोबाइल व डाटा सेवा में सुधार के लिए दो महीने का अल्टीमेटम देते हुए कहा कि यदि आपदा प्रबंधन में कमजोर सिगनल के कारण बाधा पहुंची तो जुर्माना के साथ-साथ जेल भी जाना पड़ सकता है।
इस संबंध में जिलाधिकारी राजशेखर ने बीएसएनएल, वोडाफोन, एयरटेल, टेलीनर, आइडिया, एयरसेल व रिलायंस कंपनियों के क्षेत्रीय प्रबंधकों व मुख्य तकनीकी अधिकारियों को नोटिस जारी किया है।
नोटिस में कहा गया है कि बीते छह माह से लगातार नेटवर्क सेवा बेहतर बनाने के निर्देश के बावजूद जिले के 32 लाख से अधिक मोबाइल उपभोक्ताओं को कॉल ड्राप, कमजोर कनेक्टिविटी सिगनल, खराब वायस क्लाविटी और मनचाही इंटरनेट डाटा बेस सेवा की परेशानी झेलनी पड़ रही है।
इससे मोबाइल उपभोक्ताओं के साथ-साथ कानून व्यवस्था व आपदा प्रबंधन से जुड़े अहम कार्यो के क्रियान्वयन व संचालन भी प्रभावित हो रहे हैं।
जिलाधिकारी ने कहा कि बेहतर मोबाइल व डाटा बेस सेवा के लिए ग्राहकों से मनचाहा शुल्क वसूलने वाली मोबाइल सेवा प्रदाता कंपनियां जेब हल्की करने में सबसे आगे और बेहतर सेवा देने में फिसड्डी साबित हो रही हैं।
प्राकृतिक आपदा के समय राहत व बचाव कार्य के दौरान मोबाइल फोन व इंटरनेट सेवा की अहम भूमिका होती है। कानून एवं शांति व्यवस्था कायम रखने में भी मोबाइल सेवा महत्वपूर्ण आवश्यकता बन गई है।
गौरतलब है कि राजधानी में 11़5 लाख बीएसएनएल ग्राहक हैं, जबकि 20़5 लाख ग्राहक अन्य निजी मोबाइल अपरेटरों के नेटवर्क से जुड़े हैं। कॉल ड्राप की समस्या अक्सर एक मोबाइल ऑपरेटर के नेटवर्क से दूसरे नेटवर्क पर कॉल करने के दौरान होती है।
मोबाइल क्षेत्र से जुड़े एक सॉफ्टवेयर इंजीनियर ने बताया कि टावर से सिगनल की फ्रिक्वेंसी घटा-बढ़ाकर कॉल ड्राप का खेल होता है। अधिकांश टावर के सिगनल कमजोर करने का यह खेल मोबाइल नेटवर्क की व्यस्त अवधि सुबह नौ से 10.30 बजे और शाम चार से छह बजे के बीच ज्यादा किया जाता है।