बांदा, 21 मई (आईएएनएस)। उत्तर प्रदेश के बांदा जिले में पेयजल संकट और केन नदी में हो रहे अवैध खनन को लेकर किसानों के आंदोलन के बाद प्रशासन हरकत में आया है। पुलिस अधीक्षक (एसपी) ने मंगलवार को ‘केन-बागै नदी जलधारा निगरानी समिति’ का गठन किया है।
पुलिस अधीक्षक गणेश प्रसाद साहा ने मंगलवार को बताया, “‘केन-बागै नदी जलधारा निगरानी समिति’ का गठन तहसीलवार किया गया है, जिसमें सभी उप जिलाधिकारी (एसडीएम), तहसीलदार, क्षेत्राधिकारी (सीओ) और संबंधित थानाध्यक्ष शामिल किए गए हैं। यह समिति दोनों नदियों की तलहटी में बसे किसानों और ग्रामीणों से रूबरू होकर जलधारा बाधित करने वालों के खिलाफ सख्त कार्यवाही करेगी।”
नदियों में हो रहे अवैध खनन रोकने के सवाल पर एसपी ने कहा, “खनन रोकने की जिम्मेदारी खनिज विभाग की है, पुलिस सिर्फ उनका सहयोग कर सकती है।”
एक अन्य सवाल पर उन्होंने कहा कि निगरानी समिति के गठन मात्र से वे खुद संतुष्ट तो नहीं हैं, पर इससे काफी हद तक पेयजल संकट से निजात मिलने की संभावना है।
इससे पहले, जिलाधिकारी हीरालाल ने कई अधिकारियों के साथ मंगलवार तड़के पांच बजे केन नदी की जलधारा का औचक निरीक्षण किया और मीडिया को बताया, “फिलहाल जलधारा का पानी जल संस्थान के इंटेकवेल तक पहुंच रहा है। फिर भी जलधारा बाधित न हो, इसके लिए केन नदी में कई जगह पुलिस बल तैनात किया गया है।”
केन नदी से बालू का अवैध खनन रोकने के सवाल पर जिलाधिकारी ने कहा कि इस दिशा में भी जल्द ही कार्यवाही की जाएगी।
पेयजल व्यवस्था दुरुस्त करने और केन नदी से अवैध खनन बंद करने की मांग को लेकर किसानों ने छह दिन तक आमरण अनशन करने के बाद सोमवार को केन नदी की जलधारा में ‘जल सत्याग्रह’ किया था। पानी की समस्या से जूझ रहे किसानों का हालचाल जानने के लिए ‘जल पुरुष’ राजेन्द्र सिंह जून के पहले सप्ताह में बुंदेलखंड के दौरे पर आ सकते हैं।