याचिका एएमयू छात्रसंघ के पूर्व महामंत्री अबरार अहमद ने दाखिल की थी। याचिका में कहा गया है कि आर्मी के रिटायर लेफ्टिनेंट जनरल और फिल्म अभिनेता नसीरूद्दीन शाह के बड़े भाई जमीरुद्दीन शाह के पास शिक्षण का कोई अनुभव नहीं है।
वर्ष 2010 में लागू किए गए यूजीसी के नए नियमों के तहत कम से कम 10 साल तक यूनिवर्सिटी या डिग्री कॉलेज में टीचिंग का अनुभव रखने वाला ही किसी यूनिवर्सिटी का वीसी हो सकता है।
इस याचिका पर सुनवाई करते हुए न्यायमूर्ति दिलीप गुप्ता और वी.के. मिश्र की खंडपीठ ने कहा कि वीसी की नियुक्ति के समय यूनिवर्सिटी ने यूजीसी के नए नियमों के मुताबिक एएमयू एक्ट में बदलाव नहीं किया गया था। इस कारण वीसी जमीरूदीन शाह की नियुक्ति को गलत नहीं माना जा सकता और इसी आधार पर याचिका खारिज की जाती है।