नई दिल्ली, 4 मार्च (आईएएनएस)। देश के उद्योग जगत ने भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) द्वारा प्रमुख दरों में बुधवार को की गई 25 आधार अंकों की अप्रत्याशित कटौती का स्वागत किया है।
भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआईआई) के महानिदेशक चंद्रजीत बनर्जी ने कहा, “विकास परक बजट के बाद आरबीआई द्वारा अप्रत्याशित रूप से मुख्य नीतिगत दरों में की गई कटौती से एक सकारात्मक संकेत गया है।”
बनर्जी ने कहा कि बेहतर आर्थिक प्रबंधन और वित्तीय घाटा घटाने की स्पष्ट समय सीमा से अंतर्राष्ट्रीय रेटिंग एजेंसियों को देश में निवेश के माहौल पर सकारात्मक रवैया अख्तियार करना चाहिए।
फेडरेशन ऑफ इंडियन चैंबर्स ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री (फिक्की) ने भी कटौती का स्वागत किया और कहा कि इससे पता चलता है कि महंगाई का दबाव कमजोर पड़ रहा है।
फिक्की की अध्यक्ष ज्योत्स्ना सूरी ने कहा, “नीतिगत दरों में कटौती के बाद अब हमें बैंकों द्वारा निवेश और उपभोक्ता ऋण की ब्याज दर में भी कटौती की उम्मीद है।”
एसोसिएटेड चैंबर्स ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री ऑफ इंडिया (एसोचैम) ने इस कटौती को एक सुखद आश्चर्य बताया और कहा कि इससे उपभोक्ताओं का मनोबल बढ़ेगा और उद्योग के लिए ब्याज पर होने वाला खर्च घटेगा।
एसोचैम के अध्यक्ष राणा कपूर ने कहा, “आर्थिक तेजी जहां स्पष्ट देखी जा सकती है, आरबीआई ने खुद ही महसूस किया है कि उत्पादन, ऋण, आयात और क्षमता उपयोग पर विकास की स्थिति कमजोर है।”
एक अन्य उद्योग संघ, पीएचडी चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री ने कहा कि कटौती से आम आदमी को फायदा होगा। ऋण पर उनकी मासिक किश्त कम होगी और इसके कुल परिणाम से बाजार का माहौल बेहतर होगा।
पीएचडी चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री के अध्यक्ष आलोक बी. श्रीराम ने कहा, “मांग बढ़ाना आर्थिक विकास और लाखों युवा श्रम बल के लिए रोजगार सृजन की दृष्टि से महत्वपूर्ण होगा। महंगाई दर नियंत्रित करते समय अर्थव्यवस्था में मांग प्रभावित नहीं होनी चाहिए।”
उन्होंने कहा कि आने वाले समय में कटौती को जारी रखने से मांग बनी रहने में मदद मिलेगी और निवेश का माहौल बेहतर बनेगा।
रियल्टी कंपनियों के संघ कन्फेडरेशन ऑफ रियल एस्टेट डेवलपर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (सीआरईडीएआई) के अध्यक्ष ललित कुमार जैन ने कहा कि यह कटौती उद्योग और कारोबारियों को तरलता के संकट से निजात पाने में मदद करेगी।
एंजल ब्रोकिंग के अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक दिनेश ठक्कर ने कहा, “बजट में उच्च गुणवत्ता युक्त वित्तीय समेकन के प्रति सरकार की प्रतिबद्धता के कारण उम्मीद है कि आरबीआई कारोबारी वर्ष 2015-16 में विस्तारित मौद्रिक नरमी की तरफ बढ़ेगा और कम से 50-75 आधार अंक की और कटौती करेगा।”
आरबीआई ने बुधवार को अप्रत्याशित रूप से मुख्य नीतिगत दरों में 25 आधार अंकों की कटौती कर दी और उम्मीद जताई कि आने वाले कारोबारी वर्ष में महंगाई दर में और नरमी आएगी। आरबीआई ने हालांकि वित्तीय घाटा कम करने के कार्यक्रम को एक साल आगे बढ़ाने को लेकर चिंता जाहिर की।