मुंबई, 29 सितंबर शिवसेना अध्यक्ष उद्धव ठाकरे के दलित नेता रामदास अठावले से संबंधित खुलासा करने के कुछ ही घंटों बाद रिपब्लिकन पार्टी ऑफ इंडिया (आरपीआई-ए) में सोमवार को फूट पड़ गया। आरपीआई के वरिष्ठ नेता अरहुन दांगले ने शिवसेना का खुला समर्थन करते हुए राज्य के दलितों से दिवंगत बाल ठाकरे के नारे ‘शिव शक्ति-भीम शक्ति’ के लिए अपना मत देने की अपील की।
उद्धव ठाकरे के साथ बैठक के बाद दांगले ने मीडिया से कहा, “जिस तरीके से अठावले ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) से हाथ मिलाया है, वह हमें बिल्कुल पसंद नहीं। मैं समस्त दलितों से अपील करता हूं कि वे 15 अक्टूबर को होने वाले चुनाव में शिवसेना को मत देकर शक्ति-भीम शक्ति को मजबूत करें व बाल ठाकरे के सपने को पूरा करें।”
दांगले को हालांकि न तो आरपीआई (अठावले) ने टिकट दिया है और न ही शिवसेना ने, लेकिन अठावले की इस निष्ठा के कारण शिवसेना, आरपीआई (अठावले) के दो उम्मीदवारों (मुंब्रा और चेंबूर) का समर्थन करेगी।
शिवसेना के मुखपत्र ‘सामना’ में सोमवार को उद्धव ठाकरे की टिप्पणी को अठावले ने खारिज किया। भाजपा के साथ किसी भी समझौते से इनकार करते हुए उन्होंने कहा कि शिवसेना ने ही उन्हें कैबिनेट में मंत्री पद की पेशकश की थी।
उन्होंने कहा, “हम भाजपा के साथ इसलिए गठबंधन कर रहे हैं, क्योंकि केंद्र में उनकी सरकार है। शिवसेना के नेताओं के साथ मेरे रिश्ते दोस्ताना हैं और चुनाव के बाद दोनों पार्टियों को साथ लाने का मैं प्रयास करूंगा।”
उधर दांगले ने यह बताने से इनकार किया कि वह पार्टी छोड़ेंगे या शिवसेना में शामिल होंगे।
उल्लेखनीय है कि शिवसेना अध्यक्ष उद्धव ठाकरे ने सोमवार को यहां एक शर्मनाक खुलासा करते हुए कहा था कि उन्होंने व्यक्तिगत हस्तक्षेप से दलित नेता रामदास अठावले को राज्यसभा सीट दिलाई थी। उद्धव का यह बयान आरपीआई (ए) का भाजपा से गठबंधन के फैसले के बाद आया।
उद्धव ने अठावले को लेकर भाजपा के विचारों का खुलासा करते हुए बताया, “हमने उन्हें राज्यसभा की सीट दिलाई, यह बहुत है। वैसे भी वह शिवसेना पर बोझ हैं, उन्हें हम क्यों ढोएं। किसी भी भाजपा नेता को अठावले को मंत्री पद देकर दलितों का सम्मान करना कभी जरूरी नहीं लगा।”
उद्धव ने आरोप लगाया कि भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने अठावले को मंत्रिमंडल में शामिल करने का प्रलोभन दिया है और अपनी पार्टी (आरपीआई-ए) में किसी को इस बारे में नहीं बताने की हिदायत दी है।