लखनऊः उत्तर प्रदेश के शाहजहांपुर जिले में 42 साल की विवाहित महिला का शादी के लिए जबरन धर्म परिवर्तन कराने के आरोप में शुक्रवार को पुलिस ने एक युवक को गिरफ्तार किया है.
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, उत्तर प्रदेश के नए धर्मांतरण विरोधी कानून के तहत यह जिले का पहला मामला है.
एफआईआर के मुताबिक, आरोपी मोहम्मद सईद ने अपनी पहचान छिपाकर सुनील कुमार के रूप में महिला से जान-पहचान की थी. आरोप है कि युवक महिला को धर्म परिवर्तन कराने की धमकी दे रहा था और उसका यौन उत्पीड़न कर रहा था.
सईद और उसके परिवार के खिलाफ आईपीसी की धारा 147, 323, 384, 376 और 506 और धर्मांतरण विरोधी कानून के तहत एफआईआर दर्ज की गई.
पुलिस का कहना है कि वे इस मामले में आरोपी के परिवार की भूमिका की जांच कर रहे हैं.
रिपोर्ट के अनुसार, इससे पहले विश्व हिंदू परिषद और अन्य दक्षिणपंथी संगठनों के साथ महिला और उसकी मां ने थाने पहुंचकर एफआईआर दर्ज कराई थी.
शाहजहांपुर के एसपी (शहर) संजय कुमार ने कहा, ‘महिला का आरोप है कि आरोपी लगभग पांच से छह साल पहले उसके संपर्क में आया था. आरोपों के मुताबिक, उसने एक हिंदू के तौर पर अपनी पहचान कराई थी और उसके साथ शारीरिक संबंध बनाए. वह उससे नियमित रूप से फोन पर बात करता था. यह भी आरोप है कि वह उस पर शादी के लिए दबाव बना रहा था.’
महिला ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि आरोपी ने सुनील के रूप में अपना परिचय कराया था और उसके घर पर किराये पर कमरा लेने आया था और उसका नंबर लिया था.
महिला का आरोप है, ‘उसने मुझसे फोन पर बात करनी शुरू की और नजदीकियां बढ़ाईं. उसने मुझे धमकाना शुरू किया. उसने मेरे वीडियो बनाए और उसके बदले में पैसे मांगने लगा. उसने मेरी जमीन और घर अपने नाम पर करने की मांग की. उसने शारीरिक और मानसिक तौर पर मेरा उत्पीड़न किया. उसने मुझ पर तेजाब से हमला करने की भी धमकी दी.’
महिला ने कहा, ‘वह धर्म परिवर्तन कर शादी करने का दबाव डाल रहा था और चाहता था कि मैं निकाहनामे पर हस्ताक्षर करूं. उसकी मां भी मेरे घर आई थी और यही बात कही थी. 10 दिसंबर को उसके परिवार के सात से आठ लोग आए और मुझसे निकाहनामे पर हस्ताक्षर करने को कहा. जब मैंने चिल्लाना शुरू किया तो उन्होंने मेरी पिटाई की. तब मैंने अपने परिवार और पुलिस को इसकी सूचना दी.’
बता दें कि बीते 24 नवंबर को उत्तर प्रदेश सरकार तथाकथित ‘लव जिहाद’ को रोकने के लिए शादी के लिए धर्म परिवर्तन पर लगाम लगाने के लिए ‘उत्तर प्रदेश विधि विरुद्ध धर्म संपविर्तन प्रतिषेध अध्यादेश, 2020’ ले आई थी.
इसमें विवाह के लिए छल-कपट, प्रलोभन देने या बलपूर्वक धर्मांतरण कराए जाने पर विभिन्न श्रेणियों के तहत अधिकतम 10 वर्ष कारावास और 50 हजार तक जुर्माने का प्रावधान किया गया है. उत्तर प्रदेश पहला ऐसा राज्य है, जहां लव जिहाद को लेकर इस तरह का कानून लाया गया है.
प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने 28 नवंबर को इस अध्यादेश को मंजूरी दी थी. इसी दिन एक युवती के पिता की शिकायत पर बरेली जिले में नए धर्मांतरण विरोधी कानून के तहत अपना पहला मामला दर्ज किया गया था.