उज्जैन, 31 जनवरी (आईएएनएस)। मध्य प्रदेश की धार्मिक नगरी उज्जैन में इसी वर्ष अप्रैल-मई माह में सिंहस्थ कुंभ होने जा रहा है। इस आयोजन के दौरान निकलने वाले पचास हजार मीट्रिक टन कचरे से खाद बनाई जाएगी और जो अनुपयोगी कचरा शेष रह जाएगा, उसे जमीन में दफन कर दिया जाएगा।
उज्जैन, 31 जनवरी (आईएएनएस)। मध्य प्रदेश की धार्मिक नगरी उज्जैन में इसी वर्ष अप्रैल-मई माह में सिंहस्थ कुंभ होने जा रहा है। इस आयोजन के दौरान निकलने वाले पचास हजार मीट्रिक टन कचरे से खाद बनाई जाएगी और जो अनुपयोगी कचरा शेष रह जाएगा, उसे जमीन में दफन कर दिया जाएगा।
उज्जैन में होने वाले कुंभ को राशियों की स्थिति के कारण सिंहस्थ कहा जाता है। इस बार यह आयोजन 22 अप्रैल से 21 मई तक चलेगा, जिसमें पांच करोड़ से ज्यादा श्रद्घालुओं के उज्जैन पहुंचने की संभावना जताई जा रही है। इसी संख्या को ध्यान में रखकर राज्य सरकार और मेला आयोजन समिति व्यवस्थाएं जुटाने में लगी हैं।
सिंहस्थ आयोजकों द्वारा दिसंबर 2015 में आयोजन को लेकर एक दृष्टि पत्र जारी किया गया है, जिसमें इस बात का खुलासा किया गया है कि सिंहस्थ के दौरान सामान्य दिनों में शहरी क्षेत्र में 300 मीट्रिक टन और मेला क्षेत्र में एक हजार से 1,200 मीट्रिक टन कचरा निकलेगा। वहीं शाही स्नान के दिन दो से ढाई हजार मीट्रिक टन कचरा निकल सकता है। इस तरह 25 दिन में डेढ़ हजार मीट्रिक टन और पांच शाही स्नान के दौरान दो हजार मीट्रिक टन कचरा उज्जैन में जमा होगा। इन आंकड़ों को जोड़ लिया जाए तो सिंहस्थ में निकलने वाला कुल कचरा 50 हजार मीट्रिक टन से ऊपर पहुंच जाता है। इस कचरे में खराब हुआ खाना, मल-मूत्र, पॉलीथीन, नदी में मौजूद फूल शामिल हैं।
उप मेला अधिकारी विशाल सिंह चौहान ने आईएएनएस को बताया कि सिंहस्थ के दौरान निकलने वाले कचरे का संग्रहण कर उसके निपटान के लिए शहर से लगभग 12 किलोमीटर दूर दो संयंत्र स्थापित किए जा रहे हैं, जिनसे कचरे से खाद बनाई जाएगी। कचरे में ऐसे अवयव होंगे जिसकी खाद नहीं बन सकती, उसके लिए डंपिंग ग्राउंड बनाया जा रहा है।
आयोजकों की ओर से दी गई जानकारी में बताया गया कि सिंहस्थ के दौरान उज्जैन नगर निगम द्वारा मेला क्षेत्र में 5000 सफाईकर्मी तैनात किए जाएंगे। नगर निगम कचरा संग्रहण के लिए कूड़ेदान और कंटेनरों की व्यवस्था भी कर रहा है। कचरा संग्रहण के लिए 60 लीटर क्षमता के 500 कूड़ेदान सम्पूर्ण मेला क्षेत्र में रखे जाएंगे। इनके अलावा 700 हैंडकार्ट कंटेनर और छोटे आकार के 800 कंटेनर की व्यवस्था मेला क्षेत्र में रहेगी।
इतना ही नहीं, सिंहस्थ में आने वाले श्रद्घालुओं के लिए 34 हजार शौचालय, 15 हजार स्नानघर और 10 हजार मूत्रालय बनाए जाएंगे। आयोजकों के साथ नगर निगम ने सिंहस्थ के दौरान मेला क्षेत्र और शहर में साफ सफाई की योजना बनाई है। इसके मुताबिक, सफाईकर्मियों की बायोमेट्रिक उपस्थिति दर्ज की जाएगी, कचरा ढोने वाले वाहनों में जीपीएस सिस्टम लगाया जाएगा। वहीं दो स्थानों पर दो-दो एकड़ के क्षेत्र में कचरा ट्रांसफर स्टेशन बनाया जाना है।
उप मेला अधिकारी चौहान के अनुसार साफ-सफाई और कचरे के संग्रहण से लेकर उसके निपटान तक के लिए पूरी कार्ययोजना बनाई गई है। इस पर अमल जारी है। जहां कचरे से खाद बनाने के संयंत्र लगने हैं, उस स्थान का और डंपिंग ग्राउंड का चयन कर लिया गया है।