उज्जैन, 13 अक्टूबर (आईएएनएस)। मध्य प्रदेश की धार्मिक नगरी उज्जैन में अगले वर्ष होने वाले सिंहस्थ में हिस्सा लेने के लिए किन्नरों ने ‘किन्नर अखाड़े’ का गठन किया है। इसके लिए पीठाधीश्वर व महंत भी तय कर दिए गए हैं।
उज्जैन के हासामपुरा आश्रम में देश के विभिन्न स्थानों से पहुंचे किन्नरों ने नवरात्र के पहले दिन घट और देवी प्रतिमा की स्थापना के साथ सिंहस्थ के लिए ध्वज स्थापित किया। उसके बाद किन्नर अखाड़े के गठन का फैसला हुआ।
किन्नर लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी ने अखाड़े के गठन के बाद संवाददाताओं से चर्चा करते हुए कहा कि सनातन समाज में उन्हें बहिष्कृत किया गया है, मगर उनका स्थान बना हुआ है। किसी भी देव, धर्म में उन्हें अलग नहीं रख गया है, सनातन धर्म में भी किन्नर की छवि धूमिल न हो इसके लिए उनकी ओर से प्रयास जारी हैं। सिंहस्थ में वे भी स्नान करने आएंगे।
उन्होंने आगे कहा कि वे सनातन धर्म का संरक्षण और संवर्धन करना चाहते है, इसीलिए अखाड़े का गठन किया है। किन्नरों का मकसद किसी से झगड़ा करना नहीं है, बल्कि वह तो इस आयोजन में सामूहिक रूप से हिस्सा लेना चाहते हैं।
ज्ञात हो कि देश में अभी 13 अखाड़े हैं, जो कुंभ में शाही स्नान करते हैं। किन्नर अखाड़े को अगर अखाड़ा परिषद मान्यता दे देता है तो यह 14वां अखाड़ा हो जाएगा, जिसकी संभावना कम ही है। किन्नर अखाड़ा ने अपने दो महंत और छह पीठाधीश्वरों का चुनाव किया है।