नई दिल्ली, 29 मार्च (आईएएनएस)। देश में मंगलवार को ई-कॉमर्स क्षेत्र में सशर्त विदेशी निवेश की अनुमति दे दी गई। स्नैपडील, मिंत्रा, बिगबास्केट और फ्लिपकार्ट जैसी कंपनियां अब विदेशी निवेश के लिए साझेदारी का रास्ता अपना सकती हैं।
ई-कॉमर्स में सशर्त विदेशी निवेश की अनुमति देने संबंधी निर्देश औद्योगिक नीति एवं संवर्धन के प्रेस नोट-3 के जरिए जारी किया गया है।
अभी तक की प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) नीति के तहत बी2बी ई-कॉमर्स में स्वचालित मार्ग से 100 फीसदी की अनुमति है। बी2सी ई-कॉमर्स में हालांकि यह अनुमति नहीं है।
अब हालांकि देश में निर्मित वस्तुओं की बिक्री की शर्त के साथ बी2सी ई-कॉमर्स क्षेत्र में एफडीआई की अनुमति दे दी गई है। पारंपरिक स्टोरों वाली एकल ब्रांड विदेशी रिटेल श्रंखला भी बी2सी ई-कॉमर्स में उतर सकती हैं।
बोस्टन कंसल्टिंग ग्रुप के मुताबिक, देश का रिटेल बाजार 2020 तक बढ़कर 1,000 अरब डॉलर का हो जाएगा, जो 2015 में 600 अरब डॉलर का था। कई अन्य एजेंसियों के मुताबिक ई-कॉमर्स बाजार 2018 तक बढ़कर 55 अरब डॉलर को हो जाएगा, जो अभी 14 अरब डॉलर का है।