तेहरान-मिडिल ईस्ट में जिस सैन्य टकराव का अंदेशा जताया जा रहा था, वह शुरू हो गया है। ईरान ने इजरायल पर हवाई हमले लॉन्च कर दिया है। ईरान के इस्लामिक रिवोल्यूशनरी गार्ड्स कॉर्प्स ने इजरायल पर सैंकड़ों ड्रोन और मिसाइलें लॉन्च की हैं। इस कदम के बाद दो कट्टर दुश्मन देशों के बीच तनाव अपने चरम पर पहुंच गया है।
इजराइली सेना ने शनिवार देर रात इस हमले की जानकारी दी। अमेरिका इजरायल के समर्थन में मैदान में है। अमेरिकी सेना ने कुछ ड्रोन मार गिराए हैं। वहीं, इजराइल के आयरन डोम ने ईरान की तरफ से दागी गईं मिसाइलों को रोका। टाइम्स ऑफ इजराइल के मुताबिक, इजराइल के मिलिट्री बेस को नुकसान भी पहुंचा है। एक बच्ची भी घायल हुई है।
टाइम्स ऑफ इजराइल के मुताबिक, अमेरिकी राष्ट्रपति बाइडेन ने चिंता जताई है कि इजराइली PM नेतन्याहू अमेरिका को बड़े संघर्ष में खींच रहे हैं। उन्होंने आशंका जताई है कि इजराइल जल्दबाजी में कार्रवाई कर सकता है। न्यूयॉर्क टाइम्स के मुताबिक, बाइडेन आज G7 लीडर्स के साथ बैठक करेंगे। इसमें ईरान के हमलों के खिलाफ प्रतिक्रिया पर चर्चा की जाएगी।
इजराइल पर ईरान के हमले को लेकर भारत के विदेश मंत्रालय ने बयान जारी किया है। मंत्रालय ने कहा कि ईरान-इजराइल के बीच बढ़ता विवाद क्षेत्र की शांति और सुरक्षा के लिए खतरा है। हम तुरंत तनाव खत्म करने और हिंसा को रोकने की अपील करते हैं। दोनों देशों को कूटनीति से विवाद सुलझाना चाहिए। विदेश मंत्रालय ने कहा कि हम मामले पर नजर बनाए हुए हैं। दोनों देशों में मौजूद हमारी एंबेसी वहां रह रहे भारतीय नागरिकों से संपर्क में हैं।
इससे पहले ईरान ने शनिवार को ओमान की खाड़ी में मौजूद स्ट्रेट ऑफ होर्मुज में इजराइल से जुड़े एक जहाज पर कब्जा कर लिया था। ईरानी कमांडोज हेलिकॉप्टर से जहाज पर उतरे थे। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, यह जहाज भारत आ रहा था और इस पर भारत के 17 नागरिक सवार थे। भारत इस घटना को लेकर डिप्लोमैटिक चैनल्स के जरिए ईरान के संपर्क में हैं।
दरअसल, 1 अप्रैल को इजराइल ने सीरिया में ईरानी एम्बेसी के पास एयरस्ट्राइक की थी। इसमें ईरान के दो टॉप आर्मी कमांडर्स समेत 13 लोग मारे गए थे। इसके बाद ईरान ने बदला लेने के लिए इजराइल पर अटैक करने की धमकी दी थी।