ऐसा शुक्र ग्रह के अस्त होने के कारण हो रहा है। ज्योतिषियों के अनुसार, 100 वर्षो में ऐसा पहली बार हुआ है। ऐसे में 100 साल बाद अक्षय तृतीय पर ऐसी घड़ी आई है कि घरों में शहनाई नहीं बज सकेगी।
वैशाख महीने में शुक्ल पक्ष की तृतीया को अक्षय तृतीया कहा जाता है। इस तिथि पर सभी कार्य शुभ माने जाते हैं। लेकिन इस बार 2 मई को शुक्र तारा अस्त हो जाएगा। उसके बाद सीधे 2 जुलाई को शुक्र का उदय होगा। इस बीच कोई भी शुभ कार्य नहीं किया जा सकता। इसी बीच 9 मई को अक्षय तृतीया भी पड़ रही है। उस दिन भी कोई शुभ काम नहीं हो सकेगा।
पंडित सुधेश चंद्र बाजपेयी ने बताया कि मई और जून में इस बार शादी के लिए कोई भी मुहूर्त नहीं है। 29 अप्रैल को आखिरी मुहूर्त है। उसके बाद 7 जुलाई को पहला मुहूर्त होगा। 15 जुलाई यानी आषाढ़ शुक्ल एकादशी से भगवान फिर सो जाएंगे। इसके साथ ही चतुर्मास शुरू हो जाएगा।
पंडित बाजपेयी ने बताया कि 15 जुलाई से 10 नवंबर तक कोई शादी नहीं होगी। 11 नवंबर को देवोत्थान एकादशी होगी। इस दिन से शुभकार्य शुरू हो जाएंगे।