नई दिल्ली, 6 जून (आईएएनएस)। दिल्ली की एक अदालत 11 अगस्त को, 2006 में अनशन के दौरान आत्महत्या की कोशिश करने के मामले में सामाजिक कार्यकर्ता इरोम शर्मिला का बयान दर्ज करेगी।
महानगर दंडाधिकारी आकाश जैन ने गवाहों के बयान दर्ज करने के बाद यह तारीख तय की।
अदालत ने अभियोजन पक्ष के गवाह विजय कुमार का बयान दर्ज किया, जिन्होंने शर्मिला के अनशन स्थल की वीडियो रिकार्डिग की थी।
कुमार तब नई दिल्ली जिला के पुलिस विभाग में फोटोग्राफर तथा वीडियोग्राफर के रूप में कार्यरत थे और उन्होंने अदालत को बताया कि यह कहना गलत है कि वीडियो के साथ छेड़छाड़ की गई है।
वहीं पूछताछ के दौरान उन्होंने कहा कि यह कहना गलत है कि दिल्ली पुलिस द्वारा अनशन के दौरान मानवाधिकारों के उल्लंघन के दृश्य को जानबूझ कर वीडियो से हटाया गया।
अदालन ने मामले में तीन पुलिसकर्मियों का भी बयान दर्ज किया, जिन्हें मामले में गवाह बनाया गया है।
शर्मिला सशस्त्र बल विशेष शक्तियां अधिनियम (अफसपा) को हटाने की मांग को लेकर पिछले 12 सालों से अनशन पर हैं।
अदालत ने चार मार्च, 2013 को शर्मिला के खिलाफ मामला दर्ज किया था और उनके खुद को निर्दोष कहे जाने के बाद उनके खिलाफ सुनवाई शुरू की गई थी।
हालांकि, शर्मिला ने इस बात से इंकार किया है कि उन्होंने जंतर मंतर पर अनशन के दौरान आत्महत्या की कोशिश की थी।