ISIS के आतंकवादियों ने इराक में भारतीयों समेत प्रवासी मजदूरों से वास्तव में जिंदगी और मौत का खूनी खेल खेलना शुरू कर दिया है।
वहां काम करने वालों से अरबी भाषा के कुछ शब्दों के अर्थ पूछे जाते हैं। गलत जवाब देने वालों पर आतंकवादी उन पर अपने निशाने की प्रैक्टिस करते हैं। बाकी लोगों को अपमानजनक कामों में लगा दिया जाता है।
टाइम्स ऑफ इंडिया ने बगदाद से पश्चिम-उत्तर में 70 किलोमीटर दूर दुजेल में मौजूद कुछ पंजाबी लोगों से फोन पर बातें कीं। उन्होंने पंजाब के नवांशहर के एक नौजवान के बारे में बताया। आतंकवादियों ने उसे दुजेल के करीब एक बस से उतारा और एक अरबी शब्द का अर्थ बताने को कहा। जब वह नहीं बता पाया, तो उसे गोली मार दी। हालांकि, गोली लगने पर भी वह बच गया। 3 दिन पहले हुई इस घटना ने सभी कामगारों को और परेशानी में डाल दिया है।
मोसुल पर कब्जे के बाद बगदाद की ओर बढ़ते हुए आतंकवादी वहां पहुंचे थे। हालांकि, बाद में सरकार ने उन्हें पीछे खदेड़ दिया। दुजेल बगदाद के उत्तर की तरफ सलाहुद्दीन प्रांत के 4 शहरों में से एक है, जहां आतंकवादी लड़ रहे हैं लेकिन कब्जा नहीं कर पाए हैं।