Saturday , 5 October 2024

Home » पर्यटन » इन मंदिरों में महिलाओं के लिए पूजा करने पर है रोक

इन मंदिरों में महिलाओं के लिए पूजा करने पर है रोक

images (1)हिमाचल प्रदेश में लाहौल के जाहलमा स्थित देवी हिडिंबा और जसरथ व मेलिंग गांव के महादेव मंदिरों के भीतर महिलाएं प्रवेश नहीं करती हैं। सदियों पुरानी मान्यताओं को आज भी लाहौल की महिलाओं ने बरकरार रखा है

हालांकि, आज के बदलते दौर में कई लोग इन धार्मिक रीति रिवाजों को नहीं मानते, लेकिन यहां की महिलाएं इन पर अटूट विश्वास करती हैं। लाहौल के जाहलमा स्थित देवी हिडिंबा और जसरथ गांव के महादेव मंदिर के भीतर महिलाएं आज भी कदम तक नहीं रखती हैं।

जसरथ गांव की महिलाओं को भगवान शिव के दर्शन किसी धार्मिक अनुष्ठान के दौरान ही होते हैं। मंदिर के पुजारी गणेश लाल ने बताया कि जसरथ के महादेव मंदिर में महिलाओं को भीतर जाने की पाबंदी तो नहीं है, लेकिन प्राचीन एवं धार्मिक मान्यताओं को ध्यान में रखते हुए गांव की महिलाएं प्रवेश नहीं करती हैं।

उन्होंने बताया कि इस मंदिर में विराजमान भगवान शिव के दर्शन महिलाओं को तभी होते हैं, जब धार्मिक अनुष्ठान का आयोजन होता है। उस दिन गांव की समस्त महिलाएं मंदिर में प्रांगण में कतारों में खड़ी होकर भगवान शिव को फूल चढ़ाने के बाद आशीर्वाद प्राप्त करती हैं।

उधर, देवी हिडिंबा के पुजारी राजेश ने बताया कि प्राचीन मान्यताओं पर अमल करते हुए महिलाएं मंदिर के भीतर देवी मां के दर्शन नहीं करती हैं। यहां पूजा-पाठ पुरुष ही करते हैं।

उधर, मेलिंग गांव स्थित प्राचीन महादेव मंदिर में भी इसी तरह की मान्यता है। पुजारी रोशन लाल ने बताया कि इस मंदिर में भी महिलाएं धार्मिक मान्यताओं के चलते भीतर प्रवेश नहीं कर सकती हैं।

लाहौल घाटी के इतिहास छेरिंग दोरजे ने कहा कि प्रदेश के दुर्गम इलाके लाहौल घाटी में आज भी प्राचीन एवं धार्मिक मान्यताओं का निर्वहन किया जाता है।

इन मंदिरों में महिलाओं के लिए पूजा करने पर है रोक Reviewed by on . हिमाचल प्रदेश में लाहौल के जाहलमा स्थित देवी हिडिंबा और जसरथ व मेलिंग गांव के महादेव मंदिरों के भीतर महिलाएं प्रवेश नहीं करती हैं। सदियों पुरानी मान्यताओं को आज हिमाचल प्रदेश में लाहौल के जाहलमा स्थित देवी हिडिंबा और जसरथ व मेलिंग गांव के महादेव मंदिरों के भीतर महिलाएं प्रवेश नहीं करती हैं। सदियों पुरानी मान्यताओं को आज Rating:
scroll to top